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Rewa News : 3 दिनों तक मोबाइल टावर पर फंसा रहा बंदर,...रेस्क्यू ऑपरेशन चला बचाई जान

Rewa News : स्थानीय लोग बताते हैं कि, एक हफ्ते से यह बंदर गुढ़ चौराहे इलाके में देखा जा रहा था। करीब 3 दिनों से बंदर के चीखने की आवाज सुनाई पड़ी। मगर, किसी का ध्यान टावर की तरफ नहीं गई।

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Published on: 24 Sep 2022 9:16 AM GMT
monkey climbed on tower could not get down up to 3 days 2 hours rescue operation in rewa
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 प्रतीकात्मक चित्र 

Monkey Rescue in Rewa : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा जिले (Rewa District) के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के गुढ़ चौक स्थित मोबाइल टावर पर बीते तीन दिनों से सबकी नजरें टिकी थी। दरअसल, इस टावर पर एक जिंदगी 3 दिनों से जिंदगी और मौत से लड़ाई लड़ रही थी। इस बंदर की चीख ने इलाके के लोगों की संवेदना को झकझोर दिया। स्थानीय लोगों की कोशिश और प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बाद इस बंदर की जान बच गई। दो घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बंदर को टावर से नीचे उतारा जा सका।

क्या है मामला?

यह मामला रीवा जिले के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के गुढ चौराहे का है। यहां लगे एक मोबाइल टावर पर पिछले तीन दिनों से एक बंदर फंसा था। जान बचाने के लिए बंदर लगातार चीखता रहा। बंदर की चीख से लोगों का दिल पसीज गया। जिसके बाद मोहल्ले वासियों ने इसकी सूचना रीवा कलेक्टर को दी। डीएम ने वन विभाग की टीम को भेजा। उसके बाद देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। दो घंटे की मशक्कत के बाद बंदर को टावर से नीचे उतारा गया। आख़िरकार बंदर की जान बच पाई।

टावर पर झूलता दिखा बंदर, रेस्क्यू शुरू

स्थानीय लोग बताते हैं कि, पिछले एक हफ्ते से यह बंदर गुढ़ चौराहे इलाके में देखा जा रहा था। करीब तीन दिनों से बंदर के चीखने की आवाज मोहल्ले वालों को सुनाई पड़ी। मगर, किसी का ध्यान टावर की तरफ नहीं गई। अचानक शुक्रवार देर रात बंदर तेज चीख से मोहल्ले वासी एक जगह जमा हुए। रात में टॉर्च जलाकर टावर की तरफ देखा तो एक बंदर झूलता हुआ दिखाई दिया। तब इस पूरे मामले की जानकारी तत्काल ही रीवा के जिले कलेक्टर डॉ मनोज पुष्प को दी गयी। आधे घंटे के भीतर वन विभाग की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई। मोहल्ले वालों की मदद से बंदर को सुरक्षित टावर से नीचे उतारा गया।

बन्दर का इलाज करवाया गया। जिसके बाद उसे वन विभाग को सौंप दिया गया। मोहल्ले वालों का कहना है कि पिछले एक हफ्ते से बंदर इसी मोहल्ले में इधर-उधर छतों पर देखा जा रहा था। संभव है वह अपने झुंड से बिछड़ गया हो। मगर, पिछले 3 दिनों से बंदर के रोने की आवाज आ रही थी। बंदर जब टावर से झूलता दिखा तो उसकी सूचना जिला कलेक्टर को दी गई।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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