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MP News: शवों का अंतिम संस्कार करने से इनकार, आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग
MP News: मृतकों के परिजनों की मांग है कि जिन लोगों ने उनके लोगों को मौत के घाट उतारा है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाए साथ परिजनों की मांग है कि घटना में अनाथ हुए बच्चों के भरण पोषण की जिम्मेदारी सरकार ले।
MP News: मध्य प्रदेश के मुरैना में शुक्रवार को दो पक्षों में जमीनी विवाद को लेकर खूनी संघर्ष हुआ। जिसमें तीन महिलाओं समेत 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस बड़ी घटना के बाद पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। मृतकों के परिजन शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए गांव में पूरी रात पुलिस के बड़े अधिकारी शवों के पास डटे रहे और परिजनों को मनाते रहे।
मृतकों के परिजनों की ये हैं मांगे?
मृतकों के परिजनों की मांग है कि जिन लोगों ने उनके लोगों को मौत के घाट उतारा है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए और आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया जाए, साथ परिजनों की मांग है कि घटना में अनाथ हुए बच्चों के भरण पोषण की जिम्मेदारी सरकार ले। मृतकों ने शवों को अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है, पूरी रात पुलिस के बड़े अधिकारी मृतकों के परिजनों को मनाते रहे, लेकिन उसके बाद भी परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है। पूरे गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई, पुलिस को आशंका है कि कभी भी उपद्रव हो सकता है।
मृतकों में तीन महिला और तीन पुरुष शामिल
बता दें कि शुक्रवार की सुबह मुरैना के लेपा गांव में पुरानी रंजिश के चलते दो परिवारों में विवाद हो गया। विवाद धीरे-धीरे ज्यादा बढ़ गया। उसके बाद एक पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष के 6 लोगों की गोली मार दी, जिसमें तीन महिला और तीन पुरूष शामिल थे, सभी की मौत हो गई। इस घटना में 6 लोगों की मौत के अलावा 2 लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं, जिनका ग्वालियर में इलाज चल रहा है। इस पूरी घटना के बाद मध्य प्रदेश में हडकंप मचा हुआ है।
10 साल पुराना विवाद?
मुरैना में इस खूनी संघर्ष की वजह 10 साल पुरानी रंजिश बताई जा रही है। दोनों पक्षों के बीच पहले भी खूनी संघर्ष 2014 में हो चुका है, उस समय भी दो लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद दोनों पक्ष एक दूसरे के जानी दुश्मन बन गए थे। उसी दस साल पुराने विवाद को लेकर शुक्रवार को भी खूनी संघर्ष हुआ।
इन लोगों की हुई मौत
इस खूनी संघर्ष में गजेंद्र सिंह तोमर, उनके दो बेटे संजू सिंह तोमर, सत्यप्रकाश तोमर और तीन बहुएं बबली पत्नी नरेंद्र सिंह, मधु पत्नी सुनील सिंह, केशकुमारी पत्नी वीरेंद्र सिंह की मौत हो गई। वहीं, दो बेटे वीरेंद्र सिंह तोमर, नरेंद्र सिंह तोमर घायल हो गए हैं, जिनका इलाज चल रहा है।