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MP Assembly Election 2023: कमलनाथ के खिलाफ बीजेपी इस नेता को बनाने जा रही अपना उम्मीदवार, पूर्व सीएम को दे चुके हैं कड़ी टक्कर
MP Assembly Election 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरूवार को एमपी के बीना के दौरे पर हैं। इससे पहले कल रात को उन्होंने दिल्ली में बीजेपी केंद्रीय चुनावी समिति की बैठक में हिस्सा लिया था और उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर मुहर लगाई थी।
MP Assembly Election 2023: विधानसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश में सियासी सरगर्मी बढ़ रही है। अगले माह चुनाव आयोग प्रदेश में चुनाव का बिगुल फूंक सकता है। लिहाजा राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियां सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन में जुटी हुई है। बीजेपी इस मामले में कांग्रेस से एक कदम आगे चल रही है। भगवा दल ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची फाइनल कर ली है, जिसे कभी भी जारी किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी गुरूवार को एमपी के बीना के दौरे पर हैं। इससे पहले कल रात को उन्होंने दिल्ली में बीजेपी केंद्रीय चुनावी समिति की बैठक में हिस्सा लिया था और उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर मुहर लगाई थी। माना जा रहा है कि पीएम के एमपी दौरे के खत्म होने के बाद प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया जा सकता है । बीजेपी सूत्रों से मिली जनकारी के मुताबिक, दूसरी सूची में कई हाईप्रोफाइल सीट शामिल हैं। जिनमें कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह की सीटें भी शामिल हैं।
कमलनाथ के खिलाफ कौन लड़ेगा ?
मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माने जाने वाली छिंदवाड़ा में बीजेपी इस बार सेंध लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ छिंदवाड़ा सीट से कौन लड़ेगा, बीजेपी ने इसका चुनाव कर लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने विवेक उर्फ बंटी साहू को छिंदवाड़ा की सीट से कमलनाथ के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारने जा रही है। साहू खांटी भाजपाई हैं और 30 वर्षी की उम्र से बीजेपी में सक्रिय हैं।
वर्तमान में नगर अध्यक्ष का पद संभाल रहे साहू ने कांग्रेस के इस वर्चस्व वाली सीट पर बीजेपी को एक्टिव बनाए रखने में काफी योगदान दिया है। उन्हें जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है। कोविड संकट के दौरान भी उनके काम को काफी सराहा गया था। इलाके में उनकी पकड़ का अंदाजा साल 2019 में छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे को देखकर लगाया जा सकता है।
दरअसल, 2018 में जब कमलनाथ सूबे के सीएम बने थे, तो उस समय वे छिंदवाड़ा से सांसद हुआ करते थे। लिहाजा मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उनका विधायक बनना जरूरी थी। 2019 की शुरूआत में कांग्रेस के दीपक सक्सेना ने छिंदवाड़ा की सीट उनके लिए छोड़ दी। फिर यहां हुए उपचुनाव में कमलनाथ के सामने बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा। साहू ने कमलनाथ जैसे नेता और तत्कालीन सीएम को चुनाव में कड़ी टक्कर दी थी। नाथ 25 हजार के अंतर से ही चुनाव जीत पाए थे।
इसी प्रकार थोड़े समय बाद लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे एमपी में कांग्रेस को भयानक हार का सामना करना पड़ा था। छिंदवाड़ा में भी कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को कठिन मुकाबले का सामना करना पड़ा। इस सीट से उनके पिता अक्सर बड़े अंतर से जीत हासिल किया करते थे मगर नकुलनाथ करीब 37 वोटों के अंतर से किसी तरह परिवार की इस सीट को बचा पाए।
छिंदवाड़ा में कमलनाथ का वर्चस्व
छिंदवाड़ा को पूर्व सीएम कमलनाथ के कारण मध्य प्रदेश में कांग्रेस का सबसे मजबूत किला माना जाता है। पिछले 12 लोकसभा चुनाव में 11 बार कमलनाथ या उनके परिवार यहां से जीतकर संसद पहुंचा है। 9 बार अकेले कमलनाथ यहां से चुनकर संसद पहुंचे हैं। इस सीट पर महज एकबार बीजेपी को जीत नसीब हुई थी। पूर्व सीएम सुंदर लाल पटवा ने कमलनाथ को पटखनी दी थी। बात अगर विधानसभा सीटों की करें तो इस जिले में कुल सात सीटें हैं और 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां क्लीन स्विप किया था। बीजेपी खाता भी नहीं खोल पाई थी।