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MP Assembly Election 2023: सीएम शिवराज ने चला इमोशनल कार्ड, बोले – ‘जब मैं चला जाऊंगा तब याद आऊंगा तुम्हें’
MP Assembly Election 2023: सूबे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेता माने जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक ऐसा भी भाषण सुर्खियों में है। जिसमें वे भावुक नजर आ रहे हैं।
MP Assembly Election 2023: चुनावों के दौरान भावनाओं की राजनीति उफान पर होती है। नेता अक्सर अपने समर्थकों और जनता के बीच भावनात्मक अपील करते हुए पाए जाते हैं। विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े मध्य प्रदेश में भी आजकल यही देखने को मिल रहा है। सूबे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेता माने जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक ऐसा भी भाषण सुर्खियों में है। जिसमें वे भावुक नजर आ रहे हैं।
दरअसल, रविवार को सीएम शिवराज अपने गृह जिले सिहोर में थे। वे यहीं की बुधनी विधानसभा सीट से विधायक भी हैं। सिहोर के लाड़कुई में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कहते हैं - जब मैं चला जाऊंगा, तो बहुत याद आऊंगा। मेरे जैसा भैया नहीं मिलेगा। मेरे लिए राजनीति का अर्थ है, जनता की सेवा और जनता की सेवा ही मेरे लिए भगवान की पूजा है।
मैं सरकार नहीं परिवार चलाता हूं - शिवराज
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैंने राजनीति की परिभाषा बदल दी। हमारे गरीब भाई-बहनों, किसान भाई-बहनों आपने बरसों तक देखा कांग्रेस का राज। बताओ कभी जनता के लिए ऐसी चिंता होती थी क्या ? अरे मैं सरकार थोड़ी चलाता हूं। मैं परिवार चलाता हूं..परिवार। आप सब मेरे परिवार हैं। परिवार हैं मेरे।
कांग्रेस ने कसा तंज
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयान पर तंज कसा है। पूर्व सीएम और पीसीसी चीफ कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, शिवराज जी ने की अपनी विदाई की घोषणा। वाक़ई आपके घोटाले और कुशासन बहुत याद आएँगे।
खरगोन में कहा था मुझे पद का लालच नहीं
इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान का एक और बयान चर्चाओं में रहा। उन्होंने बीते शुक्रवार को खरगोन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था, मुझे पद का लालच नहीं है। मैं इसलिए सरकार चलाता हूं कि अगर यह हाड़-मांस तुम्हारे काम आ जाए। मुझे कोई लालच नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जो आपका भला करे, उसको वोट देना चाहिए।
सीएम शिवराज के बयानों की हो रही चर्चा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इन बयानों के कई राजनीति मायने निकाले जा रहे हैं। चार टर्म के मुख्यमंत्री होने के बावजूद अभी तक उनका टिकट पार्टी ने कंफर्म नहीं किया है। विधानसभा चुनाव में दिग्गजों को उतार कर आलाकमान भी यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि वे अब अकेले सीएम की रेस में नहीं हैं। अगर नतीजे बीजेपी के पक्ष में आते हैं तो केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय सरीखे नेताओं से उनकी टक्कर होगी, जो लंबे समय से इस पद पर नजर टिकाए हुए हैं।
एमपी के सियासी गलियारों में भी ऐसी अटकलें खूब चल रही हैं कि अगर बीजेपी सत्ता बचाने में कामयाब रही तो भी शिवराज का वापस आना मुश्किल है। सीएम शिवराज पिछले कुछ दिनों से लगातार इमोशनली कनेक्ट करने वाले बयान दे रहे हैं।