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MP Elections 2023: भ्रष्टाचार पर हमला और सुनील कनुगोलू की तैनाती, MP में कांग्रेस की कर्नाटक वाली चुनावी रणनीति

Madhya Pradesh Elections 2023: कर्नाटक की तरह ही मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की ओर से कई गारंटियों की घोषणा की गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जबलपुर की रैली में इन गारंटियों को सौ फ़ीसदी लागू करने का वादा किया था।

Anshuman Tiwari
Published on: 19 Aug 2023 8:37 AM IST
MP Elections 2023: भ्रष्टाचार पर हमला और सुनील कनुगोलू की तैनाती, MP में कांग्रेस की कर्नाटक वाली चुनावी रणनीति
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Madhya Pradesh Elections 2023 (PHOTO: social media )

Madhya Pradesh Elections 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की जंग में कांग्रेस कर्नाटक वाली रणनीति पर अमल करती हुई दिख रही है। पार्टी की ओर से कर्नाटक की तरह ही मध्य प्रदेश में भी भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी है। कर्नाटक में 40 फ़ीसदी कमीशन का नारा गूंजा था तो मध्य प्रदेश में 50 फ़ीसदी कमीशन के आरोप के बाद सियासी माहौल गरमाया हुआ है। कर्नाटक की तरह ही मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की ओर से कई गारंटियों की घोषणा की गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जबलपुर की रैली में इन गारंटियों को सौ फ़ीसदी लागू करने का वादा किया था।

कर्नाटक में भाजपा के खिलाफ मिली बड़ी चुनावी जीत में सुनील कनुगोलू की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी गई थी और मध्य प्रदेश के चुनाव में भी कनुगोलू को कर्नाटक वाला कारनामा दोहराने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। यही कारण है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में सत्ता में लौटने का पूरा भरोसा दिख रहा है। कांग्रेस की चुनावी तैयारी को देखते हुए भाजपा भी सतर्क हो गई है और पार्टी ने बड़ा कदम उठाते हुए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं।

50 फीसदी कमीशन का मामला गरमाया

कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाने में कामयाब हुई थी। कांग्रेस नेताओं ने अपनी सभा में बोम्मई सरकार पर 40 फ़ीसदी कमीशन लेने का बड़ा आरोप लगाया था। कांग्रेस की ओर से दिया गया 40 फ़ीसदी कमीशन का यह नारा भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत बन गया था। इस नारे को लेकर कर्नाटक में भाजपा नेता बैकफुट पर दिखे थे। अब मध्य प्रदेश में 50 फ़ीसदी कमीशन को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। व्यापारियों का एक पत्र वायरल होने के बाद शिवराज सरकार की ओर से हर काम में 50 फीसदी कमीशन लेने की चर्चा ने काफी तेजी पकड़ ली है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की ओर से इस बाबत ट्वीट किए जाने के बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया। प्रियंका गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद कांग्रेस और हमलावर हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने तो सिंहस्थ मेले और महाकाल मंदिर के निर्माण में भी भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगा दिया है। कांग्रेस के इन हमलों के बाद अब भाजपा सफाई देने की मुद्रा में दिख रही है।

मध्य प्रदेश में भी गारंटियों का सहारा

कर्नाटक की तरह कांग्रेस मध्यप्रदेश में भी गारंटियों का सहारा ले रही है। कांग्रेस का कहना है कि कर्नाटक की तरह मध्य प्रदेश में भी इन गारंटियों को पूरी तरह लागू किया जाएगा। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी इस बाबत राज्य की जनता से वादा भी कर चुकी हैं। प्रियंका गांधी ने जबलपुर में हुई अपनी पिछली रैली में इस बाबत स्पष्ट घोषणा की थी। कांग्रेस की ओर से महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए देने और गैस सिलेंडर 500 रुपए में मुहैया कराने का वादा किया गया है।

इसके साथ ही मध्य प्रदेश के लोगों से 100 यूनिट बिजली फ्री देने और 200 यूनिट तक की बिजली आधी कीमत में देने का वादा भी किया गया है।

प्रियंका गांधी ने कांग्रेस शासित अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया है।

इसके साथ ही पार्टी ने किसानों का कर्ज पूरी तरह माफ कर देने का बड़ा ऐलान भी कर रखा है। कर्नाटक की जीत में कांग्रेस की ओर से दी गई गारंटियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी गई थी और अब पार्टी मध्य प्रदेश में भी वही रणनीति अपनाती हुई दिख रही है।

सुरजेवाला और कनुगोलू की तैनाती

मध्यप्रदेश में कांग्रेस की पुख्ता चुनावी रणनीति तैयार करने की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया गया है। कर्नाटक में मिली चुनावी जीत के समय रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस प्रभारी के रूप में भूमिका निभा रहे थे और अब सुरजेवाला को मध्यप्रदेश में भी प्रभारी की भूमिका सौंपी गई है। सबसे महत्वपूर्ण कदम सुनील कनुगोलू को लेकर उठाया गया है।

कर्नाटक में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने में सुनील कनुगोलू की भूमिका काफी अहम मानी गई थी और अब उन्हें मध्य प्रदेश के चुनावी मोर्चे पर भी लगाया गया है। कनुगोलू यहां भी पर्दे के पीछे से कांग्रेस की चुनावी रणनीति बनाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि वे मध्यप्रदेश में कांग्रेस को कर्नाटक जैसी जीत दिलाने में कामयाब हो पाते हैं या नहीं।

भाजपा की कांग्रेस को जवाब देने की तैयारी

कांग्रेस के इस आक्रामक तेवर को देखते हुए भाजपा भी कांग्रेस को जवाब देने में युद्ध स्तर पर जुट गई है। पिछले दिनों नई दिल्ली में आयोजित केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में मध्य प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का गहराई से विश्लेषण किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की मौजूदगी में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय और नरेंद्र सिंह तोमर को भी तलब किया गया था।

इस बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक पार्टी की ओर से 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी गई है। यह पहला मौका है जब पार्टी ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है। बीजेपी ऐसी सीटों पर फोकस करने में जुटी हुई है जहां उसे पिछले चुनावों में हार मिली थी या जहां पार्टी कमजोर स्थिति में दिख रही है।

चुनावी सर्वे में यूपी के विधायकों को लगाया

अब उत्तर प्रदेश के 100 विधायकों को भी मध्य प्रदेश के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सर्वे के काम में लगाया जा रहा है। इन विधायकों को चुनावी सर्वे और रिपोर्ट तैयार करने का बाकायदा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इन विधायकों को स्थानीय नेताओं से दूर रहते हुए रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

इन विधायकों की रिपोर्ट गोपनीय रखी जाएगी और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस रिपोर्ट के आधार पर प्रत्याशियों के नाम और चुनाव रणनीति के संबंध में फैसला लेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। दोनों नेताओं ने कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस के बहकावे में आने वाली नहीं है।



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Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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