×

MP High Court: एमपी हाईकोर्ट की कड़क टिप्पणी, कहा-आप ताजमहल, लालकिला और पूरे भारत की संपत्ति वक्फ बोर्ड की घोषित कर देंगे क्या?

MP High Court: वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस आहूलवालिया ने कड़क टिप्पणी की है। एक मामले की सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि ताजमहल, लालकिला और पूरे भारत की संपत्ति वक्फ बोर्ड की घोषित कर देंगे क्या?

Ashish Kumar Pandey
Published on: 7 Aug 2024 4:41 PM IST (Updated on: 7 Aug 2024 5:08 PM IST)
MP High Court On Waqf Board
X

MP High Court On Waqf Board

MP High Court:एक मामले की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सवाल उठाया है कि क्या ताजमहल और लाल किला जैसी ऐतिहासिक इमारतों को भी वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया जाना चाहिए? हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया की बेंच ने बुरहानपुर में स्थित मुगल बादशाह शाहजहां की बहू बीबी साहिब और नादिरशाह के मकबरे को वक्फ बोर्ड की संपत्ति मानने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई इमारत प्राचीन स्मारक घोषित है तो उसे वक्फ की संपत्ति बताना बेमानी है।

क्या है मामला

यह मामला वक्फ की तीन संपत्तियों पर अतिक्रमण के आरोप से जुड़ा था। वक्फ बोर्ड की तरफ से मांग की गई थी कि इन संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया जाए। इस पर कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से इन संपत्तियों के वक्फ बोर्ड की संपत्ति होने के दस्तावेज मांगे। लेकिन, वक्फ बोर्ड कोर्ट में कोई भी दस्तावेज पेश नहीं कर पाया।


ताजमहल और लालकिला को भी घोषित कर दें...

जस्टिस अहलूवालिया ने कहा कि क्या ताजमहल और लालकिला सहित देश की सारी संपत्ति को वक्फ बोर्ड की संपत्ति घोषित कर दें? उन्होंने आगे कहा कि जो इमारतें देश की धरोहर की श्रेणी में आती हैं, वे केंद्र सरकार के संस्कृति विभाग के अधीन होती हैं।


वक्फ बोर्ड ने बुरहानपुर किले पर किया था दावा

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में जिले की तीनों संपत्तियों को वक्फ बोर्ड की जगह केंद्र सरकार के अधीन करने का आदेश दिया। इससे पहले वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों पर अपना दावा ठोका था। यह मामला हाईकोर्ट में लंबे समय से चल रहा था। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखी थीं। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है।


केंद्र सरकार का ही अधिकार होगा

हाईकोर्ट के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि प्राचीन स्मारकों पर सिर्फ केंद्र सरकार का ही अधिकार होगा। वक्फ बोर्ड ऐसी इमारतों पर अपना दावा नहीं कर सकता है। यह फैसला देश के अन्य वक्फ बोर्ड के लिए भी एक मिसाल कायम करेगा।

Shalini singh

Shalini singh

Next Story