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मध्यप्रदेश के कॉलेजों में विद्यार्थी पढ़ेंगे रामचरितमानस, इसी साल से वैकल्पिक विषय तौर पर शामिल

मध्य प्रदेश के कॉलेजों में अब छात्रों को रामायण और रामसेतु को सिलेबस में शामिल करने की तैयारी कर ली है। इसे बकायदा इंजीनियरिंग समेत बीए और ग्रेजुएशन फर्स्ट इयर के छात्रों के सिलेबस में शामिल भी किया गया है।

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Newstrack NetworkPublished By Deepak Kumar
Published on: 14 Sep 2021 3:06 AM GMT
Students will read Ramcharitmanas in Madhya Pradesh colleges
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मध्यप्रदेश के कॉलेजों में विद्यार्थी पढ़ेंगे रामचरितमानस।(Social Media)

मध्य प्रदेश के कॉलेजों में अब छात्रों को रामायण और रामसेतु के बारे में पढ़ाया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इसी शिक्षण सत्र से सिलेबस में रामायण और रामसेतु को शामिल करने की तैयारी कर ली है। मध्य प्रदेश में मेडिकल छात्रों के सिलेबस में आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव हेडगेवार और जनसंघ के संस्थापक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को पढ़ाने का सियासी विवाद अभी थमा भी नहीं था कि अब भाजपा सरकार ने कॉलेजों में छात्रों को राम के बारे में पढ़ाने का फैसला लिया है।


इसे बकायदा इंजीनियरिंग समेत बीए और ग्रेजुएशन फर्स्ट इयर के छात्रों के सिलेबस में शामिल भी किया गया है, जिसमें इसी सत्र से 'रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन' विषय को वैकल्पिक विषय के तौर पर शामिल किया गया है।

100 नंबर का होगा पेपर

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत कॉलेजों में 'रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन' नाम से सिलेबस तैयार किया है। इस विषय का बकायदा 100 नंबर का पेपर भी रहेगा। रामचरितमानस को वैकल्पिक तौर पर दर्शन शास्त्र विषय में रखा गया है। मंत्री मोहन यादव ने बताया कि नई शिक्षा नीति में 131 प्रकार के कोर्स हम लाए हैं, उसने हमने रामायण के पक्ष को लेकर रामचरितमानस को हमने वैकल्पिक विषय के तौर पर रखा है।


भारत में राम का नाम नहीं आएगा, तो क्या पाकिस्तान में आएगा

मोहन यादव ने कहा कि रामायण के अंदर कई सारे विषय ऐसे हैं जिसकी जानकारी छात्रों को होना जरूरी है। मुझे लगता है कि इसमें गलत क्या है। भारत में अगर राम का नाम नहीं आएगा तो फिर क्या पाकिस्तान में आएगा। हमने इसमें उर्दू भाषा को भी जोड़ा है, गजल के बारे में भी हम पढ़ाने जा रहे हैं। राम सेतु भगवान राम के द्वारा निर्मित है इसलिए उसको भी जानना इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए जरूरी है, क्योंकि उन्हें यह पता होना चाहिए कि हजारों साल पहले से ही भारत विज्ञान में महारथ हासिल कर चुका था।

नई शिक्षा नीति में यह सिलेबस भी शामिल

नई शिक्षा नीति 2020 में प्रदेश के कॉलेजों में बीए फर्स्ट ईयर के नए सिलेबस शामिल किए गए हैं। इसमें महाभारत, रामचरितमानस, योग और ध्यान हैं। इसके मुताबिक, श्री रामचरितमानस अप्लाइड फिलॉसफी को वैकल्पिक विषय के रूप में रखा गया है।

अंग्रेजी के फाउंडेशन कोर्स में फर्स्ट ईयर के छात्रों को सी राजगोपालचारी की महाभारत की प्रस्तावना पढ़ाई जाएगी। अंग्रेजी और हिंदी के अलावा, योग और ध्यान को भी तीसरे फाउंडेशन कोर्स के रूप में पेश किया गया है। इसमें ओम ध्यान और मंत्रों का पाठ शामिल है।

Deepak Kumar

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