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पत्थरबाजों का खेल खत्म: मामा शिवराज की कैबिनेट ने लिया अहम निर्णय, अब चलेगा सरकार का डंडा

विधानसभा सत्र के शुरू होने के ठीक पूर्व हुई इस अहम बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से साझा की।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Divyanshu Rao
Published on: 16 Dec 2021 2:18 PM GMT
MP NEWS
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सीएम शिवराज सिंह चौहान (फोटो:सोशल मीडिया)

MP News: गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में अहम फैसले को लेकर मंज़ूरी दी हैं। इस फैसले के तहत सरकार पत्थरबाजों पर नकेल कसने की तैयारी बना रही है। इसी के मद्देनजर आज ही शिवराज कैबिनेट ने संपत्ति नुकसान वसूली अधिनियम को मंजूरी दे दी है, जिसे 20 दिसंबर से शुरू होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र में पारित कर दिया जाएगा।

शिवराज सिंह चौहान का बड़ा फैसला

विधानसभा सत्र के शुरू होने के ठीक पूर्व हुई इस अहम बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से साझा की। इस अधिनियम को पारित करने का मुख्य उद्देश्य पत्थरबाजी करने वालों, दंगा करने वालों और सरकारी संपत्तियों को तोड़-फोड़ कर नष्ट करने वालों पर नकेल कसना है।

एमपी में हर्जाना वसूला जाएगा

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस संपत्ति नुकसान वसूली अधिनियम के तहत किसी भी अराजक कार्य में संलिप्त तथा सरकारी वा निजी संपत्ति को किसी भी रूप में नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को चिन्हित कर उन्हीं से उनके द्वारा नष्ट की गयी शासकीय वा निजी संपत्ति का हर्जाना वसूला जाएगा।

अब मध्यप्रदेश में ऐसा कानून

ऐसा कानून इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि कई बार शांत रूप से हो रहे धरना प्रदर्शन और विरोध प्रदर्शन के पीछे छिपकर कुछ अराजक तत्व सरकारी वा गैर-सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं तथा इसके चलते कई बार भारी जान-माल का नुकसान भी देखा गया है। अब इस नए कानून के मद्देनजर ऐसा करने वाले लोगों को हिरासत में लेकर उनसे नुकसान की गई रकम वसूली जाएगी।

इस अधिनियम के तहत काफी हद तक साम्प्रदायिक दंगे भड़काने वाले तत्वों पर भी रोक लगेगी। इस अधिनियम को मंजूरी हेतु 20 दिसंबर को शुरू हो रहे मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। जिसपर सदन की मंजूरी के पश्चात कानून बनाया जाएगा तथा इस कानून के संचालन को लेकर प्रदेश के सभी सत्र न्यायालयों को अधिकार प्राप्त होंगे। सत्र न्यायालय को अधिकार देने का उद्देश्य ऐसे अराजक तत्वों को जल्द से जल्द चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्यवाही करना है।

Divyanshu Rao

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