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Rewa News: गरीबों के राशन की शर्मनाक हकीकतः कोटेदार मुंह से छीन रहे निवाला, नहीं रहा कार्रवाई का खौफ
Rewa News: सरकार गरीबों मुफ्त बांटने के लिए राशन उपलब्ध कराती है। लेकिन तमाम कवायदों के बावजूद रीवा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में तमाम खामियां बनी हुई हैं। निगरानी के अभाव में कुछ जगह हालात इतने बदतर हो गए हैं कि गरीब लोगों को कई महीनों से राशन के नाम पर अन्न का एक दाना नसीब नहीं हुआ है।
Rewa News: सरकार गरीबों मुफ्त बांटने के लिए राशन उपलब्ध कराती है। लेकिन तमाम कवायदों के बावजूद रीवा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में तमाम खामियां बनी हुई हैं। निगरानी के अभाव में कुछ जगह हालात इतने बदतर हो गए हैं कि गरीब लोगों को कई महीनों से राशन के नाम पर अन्न का एक दाना नसीब नहीं हुआ है।
फिंगरप्रिंट लगवाने के बाद का बहाना- सर्वर नहीं है!
मध्य प्रदेश के रीवा जिले की मऊगंज वार्ड क्रमांक तीन में कोटेदार के द्वारा 4 महीने से गरीबों को राशन नहीं दिया जा रहा है। फिंगर लगवाकर यह कह दिया जाता है कि सर्वर नहीं है। लोगों का आरोप है कि इस तरह गरीबों का राशन कोटेदार के द्वारा बेच दिया जाता है। राशन लाभार्थियों ने आरोप लगाया कि जब यहां राशन मिलता भी है तो इलेक्ट्रॉनिक कांटे में कोटेदार गल्ला नहीं देता है। तराजू में राशन तौलकर देता है। अगर 10 किलो दिया तो सात किलो निकलता है। जिसकी शिकायत ग्रामीण 181 से लेकर एसडीएम तक से कर चुके हैं। लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ खानापूरी होती है।
शिकायत मिलने पर फूड इंस्पेक्टर को जांच दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
हाल ही में यहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खामियों को लेकर स्थानीय लोगों ने एसडीएम से शिकायत की थी। जिसके बाद मऊगंज एसडीएम एपी द्विवेदी ने फूड इंस्पेक्टर को जांच के आदेश दिए थे। फूड इंस्पेक्टर के द्वारा जांच तो की गई लेकिन जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई। गरीबों के साथ न्याय नहीं हुआ। जांच के बाद भी गरीबों को राशन नहीं मिला। ऐसे में सवाल उठा कि अगर तीन महीने से खाद्यान्न वितरित नहीं किया जा रहा था तो क्या फूड इंस्पेक्टर को इस बात की जानकारी नहीं थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि फूड इंस्पेक्टर समितियों का निरीक्षण करने नहीं जाते और जिला मुख्यालय में ही रहते हैं।
दुकान के बाहर तपती धूप में दिनभर बैठे रहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जब जब कोटा राशन लेने जाते है तो सुबह 9:00 बजे से 4:00 बजे तक इस कड़ी तपती धूप में बैठाया जाता है। इसके बाद शाम 4:00 बजे बोल दिया जाता है कि सर्वर नहीं काम कर रहा है। ऐसे में लोग कहने लगे हैं कि रीवा जिले में राशन बांटने वाले को कोटेदारों को प्रशासन का खौफ नहीं रह गया है। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देशों की यहां खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं।