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MP News: रीवा में गरीबों के घर उजाड़ने पर आप ने खड़े किये सवाल, ठंड में कहां जाएं बेसहारा
MP News: गरीबों के रहने खाने का इंतजाम किए बिना उनकी झोपड़ियां गिरा दी हैं, यहां तक कि हनुमान मंदिर को भी नहीं बक्शा, ये किसी के सगे नही हैं।
MP News: भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की सरकार ना तो भगवान को मानती है और ना ही इंसानियत को मानती है, ऐसा आम आदमी पार्टी रीवा के जिला अध्यक्ष राजीव सिंह परिहार का कहना है। उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार है और नगर निगम रीवा में कांग्रेस की सरकार है। दोनो सरकार और प्रशासन ने मिलकर बेसहारा गरीबों के रहने खाने का इंतजाम किए बिना उनकी झोपड़ियां गिरा दी हैं, यहां तक कि हनुमान मंदिर को भी नहीं बक्शा, ये किसी के सगे नही हैं।
बताते चलें कि नीम चौराहा से ज्योति स्कूल तक और सुभाष तिराहे के पहले तक अपने अस्थाई आशियाने को टूटा देखकर लोग बस रोते रहे। काफी लोग ऐसे थे, जिन्होंने फुटपाथ पर ही अपने आशियाने बना रखे थे। इनमें रहने वाले परिवार कूड़ा बीनने का काम करके पेट भरते हैं लेकिन बुलडोजर ने उनके आशियानों को पूरी तरह से कुचल दिया।
आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष राजीव सिंह परिहार ने कहा रेहड़ी खोमचा पर रोजी रोटी कमाने वालों की आंखों में सिर्फ आंसू थे। अब हम कैसे अपने परिवार का पेट भरेंगे। बुलडोजर अमीरों की बिल्डिंग पर चले तो मानें कि कार्रवाई सही है। जिनकी अवैध दुकान और घर बना है। उनके यहां बुलडोजर चले तो मानें। उन्होंने कहा कि रीवा शहर में काफी अमीर लोग ऐसे हैं जो सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर मकान या दुकान का निर्माण किए हुए हैं, सरकार और जिला प्रशासन की निगाह उनके ऊपर नहीं पड़ रही है, मध्य प्रदेश सरकार सिर्फ गरीबों का शोषण कर उनको सता रही है। उनका कहना है कि एक ओर सरकार गरीबों के लिए बड़े-बड़े वादे करती है, दूसरी ओर घर उजाड़कर गरीबों को बेघर किया जा रहा है। दुख की बात यह है कि जब खाली पड़े शासकीय भूमि में आवास बनाने को बेजाकब्जा कहा जाता है, तो निर्माण के समय ही कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। लोग वर्षों तक निवास कर लेते हैं तब अचानक तोड़-फोड़ की कार्रवाई करना उचित नहीं है। लेकिन इस कार्रवाई में जिन गरीबों के मकान गिराए गए, उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। प्रशासन ने गरीबों के आशियाने में बुलडोजर तो चलवा दिया। लेकिन अब गरीब ठंड से परेशान हैं और प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन उसके बावजूद भी कोई उनकी सुनने वाला नहीं है।
क्या कहते हैं प्रभावित
हमारे घर को अचानक तोड़ा गया है। हमारे पास रहने के लिए घर नहीं है। आखिर हम अब कहां जाएं। इस तरह बेघर कर प्रशासन ने अच्छा नहीं किया। प्रशासन को हमारे रहने की व्यवस्था करना चाहिए।