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Rewa News: केंद्रीय जेल में कैदियों को मिल रही यातनाएं, अधिकारी सुविधाओं के ले रहे रुपये
Rewa News: रीवा के केंद्रीय जेल में इन दिनों हिटलर साही चल रही है। 700 कि क्षमता वाली जेल में 2,500 बंदियों को रखा जाता है। एक लोग के सोने के स्थान पर 4 लोगों को सोना पड़ता है।
Rewa News: रीवा के केंद्रीय जेल में इन दिनों हिटलर साही चल रही है। 700 कि क्षमता वाली जेल में 2,500 बंदियों को रखा जाता है। एक लोग के सोने के स्थान पर 4 लोगों को सोना पड़ता है। जेल के अंदर जिल्लत भरी जिंदगी जी रहे बंदीयों की खबर मध्यप्रदेश के रीवा से है। जहां केंद्रीय जेल की चार दिवारी में बंदियों को तरह की यातनाएं दी जाती हैं। सेना के रिटायर्ड जवान समाजसेवी कामांडो अरुण गौतम ने रीवा जेल के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
रीवा केंद्रीय जेल में तांड़व
कामांडो के द्वारा बताया गया कि मुझे जनता की आवाज को उठाने के बदले इतनी बड़ी सजा मिली हैं। कि सरकार और पुलिस प्रसाशन के द्वारा मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मुझे सलाखों के पीछे डाल दिया गया और जेल में जाने के बाद मुझे कुछ फर्जी मुकदमे दिखाकर NSA की कार्यवाही की गई। जिसके बाद जेल के अंदर का तांडव देखने को मिला कामांडो अरुण गौतम की माने तो जब कोई बंदी जेल में आता है उसका स्वागत मारपीट के साथ किया जाता है। यहां तक की जेल के अधिकारी सजा काट रहे कैदियों से एडवांस रकम के साथ माहवारी बांधते है।
अंदर कैदियों को यातनाएं
जो पैसे नही देते उनके साथ आदमखोर की तरह व्यवहार करते और खाने के साथ साथ रहने सोने के भी चार्ज लिए जाते है। रीवा जेल की पोल खोलते हुए कामांडो अरुण गौतम ने बताया केंद्रीय जेल के अंदर बंदियों को तरह तरह की यातनाएं भी दी जाती ही है। आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों से एक तरफ पाव और दूसरी तरफ सर पकड़ा लेंगे और फिर शुरू होती हेलीकॉप्टर शाट अंधाधुंध मार मारी जाती है। उसी दौरान कई लोग तो बेहोश भी हुए है जिसके बाद बीपी नापी जाती है और बीपी नाप कर मार शुरू होती है।
खाने में भरपेट खाना नहीं
आपको बता दे कि रीवा के केंद्रीय जेल के अंदर एक अलग हुकूमत चलती है। जेल के अंदर सजा काट रहे कैदियों के साथ आदमखोर जानवरों से भी नीचे वाला ब्यवहार किया जा रहा है न तो सोने की व्यवस्था न ही रहने की व्यवस्था, न पेट भर भोजन मिल रहा खाने में मात्र 3 रोटी और थोड़ा से कटोरी में चावल और पानी की सब्जी दी जाती है। कामांडो अरुण गौतम ने बताया कि क्या रीवा केंद्रीय जेल भारत देश से अलग है।
फोन पे से लेंते रुपये
रीवा की केंद्रीय जेल में बीमार बंदियों को सरकार की तरफ से मिलने वाले दूध और अंडे की बिक्री जेल के अंदर ही कर दी जाती है। अरुण गौतम ने बताया कि जेल अधीक्षक और चक्कड़ साहब के इशारे पर विवेक मोर्या बीमार बंदियों को दूध और अंडा न देकर उनके हिस्से को डकार जाते और जेल के अंदर ही बिक्री करके गाढ़ी कमाई कर रहे है। अरुण गौतम ने बताया उनकी पत्नी ने जेल अधिकारियों के द्वारा पाले गए दलाल के खातों में फोन पे के माध्यम से पैसे भी डाले गए जिसका फोन पे का ट्रांजेक्शन की सांमने आया है।