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MP News: इको पार्क झूला पुल को लेकर पूर्व मंत्री ने दी मोरबी गुजरात की तरह मौत के पुल की चेतावनी दी

Rewa: पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला एवं उनकी सरकार की आंखें नहीं खुल रही हैं। वह विवादित इको पार्क प्रोजेक्ट को बार-बार चालू कराने में लगे हुए हैं जो बड़े हादसे को आमंत्रण हैं।

Amar Mishra (Rewa)
Published on: 1 Nov 2022 4:54 PM IST
Madhya Pradesh News
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इको पार्क झूला पुल को लेकर पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने दी चेतावनी

MP News: रीवा शहर में बीहर नदी के टापू पर प्रस्तावित इको पार्क के लिए बनाए जा रहे झूला पुल को लेकर जनता दल सेक्युलर के प्रदेश अध्यक्ष शिव सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के स्थानीय पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला द्वारा सन 2013 में 30 वर्ष के लिए यह प्रोजेक्ट लाया गया था जिसका भूमि पूजन भी सन 2013 में किया गया था।

प्रोजेक्ट की प्रारंभिक लागत 19 करोड़ रुपये

प्रोजेक्ट की प्रारंभिक लागत 19 करोड़ रूपए थी जिसके लिए राजस्व एवं वन भूमि सहित निजी स्वत्व की भूमि मिलाकर कुल 5.783 हेक्टेयर रकवा अधिग्रहित किया गया था। उक्त प्रोजेक्ट को 3 विभागों ने वन विभाग नगर निगम तथा इको पार्क टूरिज्म बोर्ड ने मिलकर तैयार किया था। जिसको पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पीपीपी मॉडल से इंदौर की रुचि रियल्टी होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा बनाया गया था जो झूला पुल चालू होने के पूर्व ही 19 अगस्त 2016 को शहर में आई बाढ़ में बह गया था।

शायद गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बने चालू झूला पुल की तरह हादसा होता जहां सैकड़ों लोगों की जानें चली गई तो शायद गुजरात झूला पुल हादसे से ज्यादा नागरिक रीवा इको पार्क झूला पुल हादसे में मौत का शिकार हो गए। इसके बाद भी स्थानीय पूर्व मंत्री एवं उनकी सरकार की आंखें नहीं खुल रही हैं। वह विवादित इको पार्क प्रोजेक्ट को बार-बार चालू कराने में लगे हुए हैं जो बड़े हादसे को आमंत्रण हैं।

1 सितंबर 2016 में राज्यपाल मुख्यमंत्री के नाम भेजा गया था ज्ञापन

19 अगस्त 2016 को शहर में आई बाढ़ से करोड़ों रुपए से निर्मित झूला पुल एवं इको पार्क प्रोजेक्ट के जमींदोज होकर बह जाने को लेकर सन 1997 की भीषण बाढ़ का जिक्र करते हुए। जनता दल सेक्युलर ने 1 सितंबर 2016 को धरना प्रदर्शन कर कमिश्नर रीवा के माध्यम से राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर निर्माण एजेंसी ठेकेदार इंजीनियर व अन्य दोषियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने एवं ब्याज सहित लागत खर्च राशि वसूली के साथ-साथ निर्माण एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करने एवं भविष्य में ऐसे मौत के झूला पुल इको पार्क का निर्माण न कराया जाए की मांग की गई थी। तब तमाम जांच पड़ताल एवं आगे आने वाले बाढ़ खतरों को देखते हुए तत्कालीन सरकार ने मार्च 2019 में यह प्रोजेक्ट निरस्त कर दिया था।

पूर्व मंत्री की जिद्द से फिर तैयार हो रहा मौत का झूला पुल

पुराने हादसों को नजरअंदाज करते हुए पूर्व मंत्री की जिद से फिर तैयार हो रहा है रीवा बीहर नदी में इको पार्क प्रोजेक्ट के तहत मौत का झूला पुल मैंने आज फिर से मौके पर जाकर निरीक्षण किया, जहां पूर्व के पिलरों पर ही करोड़ों की लागत से गुणवत्ता विहीन सामग्री के साथ निर्माण कार्य चल रहा है, जो बड़े हादसे को आमंत्रण दे रहा है। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि कहीं मुझे सरकारी कामों में क्वालिटी देखना होता है तो मैं अचानक ड्रोन भेज कर पता करा लेता हूं किसी को जानकारी भी नहीं होती, लेकिन रीवा वासियों का कहना है कि प्रधानमंत्री जी रीवा में मौत को आमंत्रण देने वाले ऐसे कोई भी विनाशकारी विकास नहीं चाहिए तत्काल रोक लगानी चाहिए।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

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