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Rewa News: दर्जनों पंचायतों में अधूरी पड़ी गोशाला योजना, वेंडरों की दलाली में फंसा पंचायतों का विकास
Rewa News: रीवा जिले में इस योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन सैकड़ों गौशालाओं में वर्षों से काम पेंडिंग पड़ा हुआ है। कई गौशालाएं सरपंच सचिवों और वेंडर्स की मनमानी के चलते पूरी नहीं हो पा रही है।
Rewa News: प्रदेश में मुख्यमंत्री गौशाला योजना के हाल काफी खराब हैं। रीवा जिले में इस योजना के अंतर्गत निर्माणाधीन सैकड़ों गौशालाओं में वर्षों से काम पेंडिंग पड़ा हुआ है। कई गौशालाएं सरपंच सचिवों और वेंडर्स की मनमानी के चलते पूरी नहीं हो पा रही है। गौशालाओं पर कार्य करने के लिए सरपंच सचिव कुछ रुचि नहीं दिखा रहे जिसकी वजह से काम अधर में लटका पड़ा है।
पिछली पंचवर्षीय में प्रारंभ किए गए सैकड़ों गौशालाओं के निर्माण कार्य पूर्ण न हो पाने की वजह से भीषण ठंड के मौसम में गोवंश दर-दर मारे मारे फिर रहे हैं। भूखे और बेसहारा गोवंश जब किसानों के खेत में पहुंचते हैं तो उन्हें वहां क्रूरता का सामना करना पड़ता है और इसी प्रकार सड़कों पर भी वाहनों की ठोकर खाकर लंगड़े लूले होकर अपनी जान दे रहे हैं।
सरपंच, सचिव और वेंडर्स की दलाली में अधर में लटका गौशाला निर्माण कार्य
गंगेव जनपद में भठवा क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जहां सैकड़ों की संख्या में गोवंश एकत्रित होकर रोड में पड़े रहते हैं और आसपास की फसल को भी नुकसान करते हैं जिसकी वजह से उन्हें क्रूरता का शिकार होना पड़ता है। अभी कुछ दिन पूर्व भठवा पताई के बीच किसी श्रीवास्तव के खेत में करंट की वजह से आधा दर्जन से अधिक गर्भवती गाएं मर गई थीं।
ऐसे ही आए दिन भठवा में वाहनों के आवागमन और ट्रकों की चपेट में गोवंश आते हैं और अपना शरीर अंग भंग करवाते हैं। गंगेव जनपद की पताई ग्राम पंचायत में गौशाला निर्माण का कार्य पिछले पंचवर्षीय से प्रारंभ हुआ है लेकिन अभी तक पूर्ण नहीं हो पाया है।
बताया गया है कि कुछ दलाल वेंडर्स जो गौशालाओं को अपनी प्रॉपर्टी मान बैठे हैं सामग्री की सप्लाई नहीं कर पा रहे और सरपंच सचिव भ्रष्टाचार में मजे मार रहे हैं जिसकी वजह से कार्य अधूरा पड़ा है।
अभी कुछ दिन पहले शांतिधाम पताई में कई गोवंशों को कैद कर दिया गया था जिसमें कुछ गोवंश ठंड में मर भी गए थे। जिस पताई ग्राम पंचायत में वर्षों से गौशाला निर्माण का कार्य सरकार के द्वारा कराया जा रहा है वहां सरपंच सचिव द्वारा सरकारी पैसे से अवैध बाडों का निर्माण कर गोवंशों को मारा जा रहा है।
जब पताई ग्राम पंचायत के सरपंच मिठाईलाल विश्वकर्मा एवं सचिव पवन कुमार पटेल से इस मामले में चर्चा की गई तो बताया गया कि वेंडर्स सामग्री की सप्लाई नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से गौशाला निर्माण पूर्ण नहीं हो पा रहा है।
लेकिन सवाल यह है कि नई पंचायत का कार्य काल प्रारंभ हुए छह माह का समय व्यतीत हो रहा है और ऐसे में यदि अभी तक वेंडर्स नहीं मिले तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में जिम्मेदार लगा रहे पलीता
यदि देखा जाए तो पताई ग्राम पंचायत की तरह ही आसपास की भौखड़ी, सरई, पनगड़ी, क्योटी और हिनौती एवं दर्जनों ऐसी पंचायतों में जिले भर में गौशालाओं के निर्माण का कार्य अधर में लटका हुआ है।
त्योंथर जनपद पंचायत की काकर ग्राम पंचायत में भी 3 गौशालाओं का कार्य रानीखेत योजना के तहत किया जाना था जिसमें पूर्व सरपंच के कार्यकाल में जमकर भ्रष्टाचार हुआ और सामग्री के नाम पर राशि की निकासी किया जाकर घटिया निर्माण कर गौशालाओं को आधी अधूरी छोड़ दिया गया है।
काकर में गौशाला निर्माण को लेकर जब वहां के वर्तमान सरपंच मनीष सिंह से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया की पूर्व में जो पैसा निकाला गया है उसका मूल्यांकन सही ढंग से नहीं किया गया है इसलिए वह कार्य नहीं लगा रहे हैं।
अब बड़ा सवाल यह है कि पूर्व के निर्माण कार्य का मूल्यांकन अब तक क्यों नहीं हुआ और कितना पैसा निकाला गया है प्रशासन को इसकी जानकारी निकाल कर गौशालाओं का तत्काल निर्माण कराया जाना चाहिए।
रीवा जिले के गौशाला घोटाले की शिकायत ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त तक
गौरतलब है कि इस मामले में रीवा जिले में हुए व्यापक स्तर के गौशाला घोटाले के संदर्भ में शिकायत स्थानीय निवासी पीयूष पांडेय द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ भोपाल एवं लोकायुक्त भोपाल में पहले ही दर्ज की जा चुकी है जिसकी जांच के लिए प्रतिवेदन संबंधित जिला पंचायत रीवा और जिला कलेक्टर रीवा के माध्यम से मागा गया है।