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MP Assembly Election 2023: एमपी में पूरे दमखम के साथ लड़ेगी सपा, रीवा में अखिलेश यादव करेंगे बड़ी रैली
MP Assembly Election 2023:उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही सपा का प्रदेश से लगी सीटों पर अच्छा दखल रहा है। पार्टी करीब दर्जनभर सीटों पर निर्णायक स्थिति में रही है।
MP Assembly Election 2023: पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच जोर आजमाइश देखने को मिल रही है। दोनों दलों के केंद्रीय नेता लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। राज्य में मुख्य लड़ाई इन्हीं दो राष्ट्रीय पार्टियों के बीच रहती है। लेकिन कुछ अन्य पार्टियां भी हैं, जो इस बार पूरे दमखम के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने के मूड में है। इनमें बीएसपी, आम आदमी पार्टी के अलावा समाजवादी पार्टी भी शामिल है।
दिलचस्प बात ये है कि इनमें बसपा को छोड़कर बाकी दोनों पार्टियां नवगठित विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दल हैं। इसके बावजूद कांग्रेस से इतर एमपी में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही सपा का प्रदेश से लगी सीटों पर अच्छा दखल रहा है। पार्टी करीब दर्जनभर सीटों पर निर्णायक स्थिति में रही है। लिहाजा वह इन सीटों को जीतने के लिए गंभीरता से काम कर रही है।
रीवा में अखिलेश यादव करेंगे बड़ी रैली
मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी की चुनावी तैयारियों को गति देने के लिए पार्टी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद आ रहे है। 27 सितंबर को रीवा के सिरमौर में वह बड़ी रैली करने जा रहे हैं। रीवा जिले की सीमा यूपी से लगती है, जिसके कारण सपा का यहां पर अच्छा दखल रहा है। कल यानी बुधवार को सिरमौर में सपा कार्यकर्ताओं का महाजुटान होगा। जहां अखिलेश यादव उन्हें संबोधित करेंगे। इस कार्यकर्ता सम्मेलन से पार्टी में जोश भरने के साथ-साथ विपक्षी दलों को संदेश भी दिया जाएगा। दरअसल, सपा लगातार कांग्रेस पर गठबंधन का दबाव बना रही है और उन सीटों की मांग कर रही है, जहां उसका प्रदर्शन पिछले चुनावों में बेहतर रहा था। हालांकि, कांग्रेस फिलहाल इसके मूड में नजर नहीं आ रही है।
एमपी में सपा का कितना असर
उत्तर प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियां बसपा और सपा का पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में ठीक-ठाक उपस्थिति रही है। दोनों दलों से नेता जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं। बात करें समाजवादी पार्टी की तो उसका यूपी की सीमा से सटे जिलों पन्ना, भिंड, मुरैना, छतरपुर, सतना और रीवा आदि में असर है। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी। वह थी छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट, जहां से राजेश शुक्ला चुनाव जीते थे। 2020 में राज्य में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद वे बीजेपी के पाले में चले गए।
बिजावर के अलावा सपा पारसवाड़ा, बालाघाट, पृथ्वीपुर, निवाड़ी और गुढ़ विधानसभा सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। सपा को 1998 में एमपी विधानसभा चुनाव में चार सीटो पर जीत मिली थी। 2003 में पार्टी के सात विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। ये राज्य में पार्टी का अब तक का शानदार प्रदर्शन है। 2008 में पार्टी हालांकि महज एक सीट पर सिमट कर रह गई थी। 2013 में तो सपा का खाता तक नहीं खुल पाया था। ऐसे में सपा की साइकिल एमपी में इस बार कितना दौड़ लगा पाती है, ये चुनाव परिणाम ही बताएंगे।