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Sehore: 110 फीट नीचे 24 घंटे से बोरवेल में फंसी नन्हीं सी जान, जिंदगी के लिए लड़ रही जंग, सेना को सौंपी गई जिम्मेदारी
Sehore News: मध्य प्रदेश के सिहोर में मुगावली गांव में मंगलवार को दोपहर 1:15 बजे ढाई साल की सृष्टि पुत्री राहुल कुशवाह खेलते समय करीब 300 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिर गई। बच्ची अब खिसककर 110 फीट और नीचे चली गई है।
Sehore News: मध्य प्रदेश राज्य के सिहोर जिले के एक गांव मुगावली में ढाई साल की नन्ही सी जान सृष्टि खेलते हुए बोरवेल के गड्ढे में गिर गई। यह घटना मंगलवार को दोपहर 1:15 बजे हुई। गांव निवासी राहुल कुशवाह की 2 वर्ष की बेटी खेलते हुए पास में लगभग 300 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिर पड़ी । बोरवेल के गड्ढे में सृष्टि करीब 25 फीट अंदर जाकर फंस गई। लेकिन खिसककर अब बच्ची 110 फीट और गहराई में जा पहुंची है। बच्ची को बाहर निकालने के लिए गांव की पुलिस, प्रशासन और NDRF सब मौके पर मौजूद हुए है। लेकिन अभी तक किसी को भी कोई सफलता हाथ नहीं आई है। वही राज्य का प्रशासन अब आर्मी को बुलवाकर रेस्क्यू ऑपरेशन में सहयोग लेने वाला है।
कभी बोरवेल के गड्ढे में तो कभी, प्रशासन की लापरवाही से किसी न किसी कारण से अक्सर ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है। जहां नन्हें से बच्चों को गहराई में घंटों तड़पना पड़ता हैं जीने के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है। यह इकलौता मामला नहीं है बीते दिनों में भी ऐसी घटनाएं सुनने को मिली। आखिर इस लापरवाही का नतीजा मासूमों को क्यों भुगतना पड़ता है?इन बोरवेल के गड्ढे के रखरखाव पर इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार जो भी हो लेकिन इसके शिकार छोटे मासूम होते है। 24 घंटे से फंसी सृष्टि से संपर्क करना भी मुश्किल हो गया है। उसे सांस लेने के लिए गद्दे के अंदर ऑक्सीजन सिलिंडर के माध्यम से अंदर ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है। जिंदगी के लिए इस लड़ाई में इस बच्ची की जान बोरवेल के गड्ढे में अटकी हुई है।
24 घंटे से लगातार जारी है रेस्क्यू
बता दें कि घटना के बाद 2 बजे से सृष्टि को बोरवेल से बचाने के लिए चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार 20 घंटे से जारी है। अब तक 35 फीट सेम स्तर का गड्ढा खोदा जा चुका है, लेकिन फिर बुरी खबर मिली कि सुबह 8 बजे सृष्टि खिसककर बोरवेल में और 50 फीट नीचे पहुंच गई है। जिससे बचाव टीम की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं, लेकिन NDRF की टीम बोरवेल में रॉड में कुंडे लगाकर बोरवेल में डालकर बच्ची को और नीचे खिसकने से रोकने का प्रयास कर रही है।
ऑक्सीजन सिलेंडर से दी जा रही सांस
घटना स्थल पर दो एंबुलेंस के साथ पांच से ज्यादा बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर को बुलवाया गया हैं जिनसे पाइप के जरिए बोरवेल में लगातार ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है, जिससे सृष्टि को सांस लेने में तकलीफ न हो। जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी का कहना है कि बच्ची कोई भी हलचल करते नजर नहीं आ रहीं है। बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने की हर संभव प्रयास किया जा रहा।
कैमरे में नहीं दिखी बच्ची,
बोरवेल में गिरी बच्ची का हाल चाल पता करने के लिए उसको देखने के लिए टॉर्च सहित कैमरे की सहायता ली गई भी कोशिश असफल रहीं। DIG और SP ने कैमरे को स्क्रीन पर देखने के लिए बच्ची की हलचल देखने की पूरी कोशिश की गई लेकिन नतीजतन केवल हाथ ही सिख पाया।