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Ujjain Rape Kand: कौन हैं आचार्य राहुल शर्मा जिन्होंने उज्जैन में दरिंदगी का शिकार हुई मासूम को अपने आश्रम में दी शरण
Ujjain Rape Kand: रेप पीड़िता अर्धनग्न हालत में कई घंटे शहर के सड़कों पर भटकती रही, इस दौरान उसे हजारों लोगों ने देखा लेकिन किसी ने उसकी मदद करने की कोशिश नहीं की।
Ujjain Rape Kand: महाकाल की नगरी उज्जैन में एक 12 साल की बच्ची के साथ हुई दरिंदगी का मामला गरमाया हुआ है। चुनावी समय में हुए इस वीभत्स घटना को लेकर प्रदेश की शिवराज सरकार विपक्ष के निशाने पर हैं। इस भयावह घटना ने समाज का असली चेहरा भी सामने ला दिया। रेप पीड़िता अर्धनग्न हालत में कई घंटे शहर के सड़कों पर भटकती रही, इस दौरान उसे हजारों लोगों ने देखा लेकिन किसी ने उसकी मदद करने की कोशिश नहीं की।
पीड़िता जिस सड़क, गली, मोहल्ले से गुजर रही, वहां मौजूद लोग या तो मूकदर्शक बने रहे या अपना मुंह फेर लिया। मगर उन हजार लोगों में एक शख्स ऐसा भी था, जिसके अंदर दया, करूणा अभी भी जीवित थी, जो पीड़िता को देखकर डरने के बजाय उसकी मदद को आगे आया। शायद अगर वो न होता तो पीड़ित नाबालिग लड़की का जीवित रहना मुश्किल था। हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं, उनका नाम आचार्य राहुल शर्मा हैं। उन्होंने पीड़िता की जिस हालत में मदद की उसकी खूब तारीफ हो रही है। सोशल मीडिया पर उनकी जमकर वाहवाही हो रही है।
आचार्य राहुल शर्मा ने बताई सारी बातें
नाबालिग रेप पीड़िता के मददगार आचार्य राहुल शर्मा उज्जैन के गुरूकुल दण्डी सेवा आश्रम में पुजारी हैं। उन्होंने उस दिन का पूरा ब्यौरा देते हुए बताया, मुझे इमरजेंसी में गुरूकुल से कहीं बाहर जाना था। इसी दौरान मैंने देखा कि एक बदहवास बालिका इसी मार्ग से बड़नगर की ओर पैदल जा रही थी। बालिका अर्धनग्न हालत में थी, उसके तन पर छोटा वस्त्र था, जिससे वह खुद को ढंकने का निरंतर प्रयास कर रही थी। उसे इस हालत में देखते ही मैंने रोका और अपना ऊपरी वस्त्र उसे पहनने को दे दिया। जिससे उसने अपने बदन को ढंका और फिर उसके बाद मैं उसे आश्रम ले गया और चाय-नाश्ता कराया।
नाश्ता कराने के बाद मैंने उससे उसके बारे में पूछा। मैंने उससे उसका नाम और पता बगैरा पूछा। उससे उसके माता-पिता का नाम या फोन नंबर के बारे में पूछा। कई कोशिशों के बावजूद वह कुछ अपने बारे में नहीं बता पाई। मैंने उसे बार-बार भरोसा दिलाया कि अब तुम यहां सुरक्षित हो, डरने की जरूरत नहीं है। कुछ समय बात उसने कुछ बोलने की कोशिश की लेकिन मैं उसकी भाषा नहीं समझ पाया, जिसके बाद मैंने उसके समक्ष एक कलम और कॉपी रखा और वो जो बोलना चाहती है उसे लिखऩे को कहा। लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई।
आचार्य राहुल शर्मा ने आगे बताया कि इसके बाद मैंने तुरंत डॉयल 100 को कॉल किया। दो-तीन बार मेरा कॉल काट दिया गया। उसके बाद मैंने महाकाल मंदिर के कुछ प्रशासनिक अधिकारियों को कॉल किया और मामले की जानकारी दी। जिसके बाद उन्होंने महाकाल थाने का नंबर दिए। मैंने वहां पर शिकायत दर्ज कराई। उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। फिर मैंने बच्ची को पुलिस के हवाले कर दिया।
सोशल मीडिया पर हो रही जमकर तारीफ
आचार्य राहुल शर्मा की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। एक नाबालिग रेप पीड़िता की मदद उन्होंने ऐसे समय की जब समाज के अधिकांश लोगों ने उसे देखकर डर या किसी सामाजिक लज्जा के कारण मुंह फेर लिया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अंशुल सक्सेना नामक शख्स लिखते हैं - वह आचार्य राहुल शर्मा हैं, जो उज्जैन के एक आश्रम में पुजारी हैं। जब एक 12 वर्षीय बलात्कार पीड़िता अर्धनग्न होकर घर-घर जाकर मदद मांगती रही और कोई भी उसे बचाने नहीं आया, तो वह अंततः एक आश्रम में पहुंच गई। फिर, आचार्य राहुल शर्मा ने उसे तौलिए से ढक दिया और अस्पताल ले गए। आचार्य ने जो किया, वह अन्य लोग भी कर सकते थे। लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया. उसने किया।
वहीं, कडक नामक एक्स यूजर ने आश्रम सीरीज की एक तस्वीर के साथ आचार्य राहुल शर्मा की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, आश्रम के पुजारी आचार्य राहुल शर्मा ने 12 वर्षीय रेप पीड़िता की मदद की, उसे तौलिये से ढका और अस्पताल पहुंचाया।
बता दें कि इस मामले की जांच के लिए उज्जैन पुलिस ने एसआईटी गठित की है। जिसने अभी तक तीन-चार लोगों को गिरफ्तार किया है।