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प्रधानमंत्री को सुन अवाक रह गई, कृषि कानूनों की वापसी पर बोलीं उमा भारती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया था। उनके इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भीतर भी हलचल दिख रही है। इसी की एक बानगी आज को मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बयान के रूप में सामने आई।

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By aman
Published on: 22 Nov 2021 11:55 AM GMT (Updated on: 22 Nov 2021 12:33 PM GMT)
प्रधानमंत्री को सुन अवाक रह गई, कृषि कानूनों की वापसी पर बोलीं उमा भारती
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ((Narendra Modi) ने बीते दिनों कृषि कानून (Farm Laws) वापस लेने का ऐलान किया था। उनके इस फैसले से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के भीतर भी हलचल दिख रही है। इसी की एक बानगी आज सोमवार को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) के बयान के रूप में सामने आई। उन्होंने कहा, कि पीएम मोदी के इस फैसले से वो हैरान हैं। कृषि कानून के बारे में किसानों को नहीं समझा पाना बीजेपी कार्यकर्ताओं (Bjp Workers) की नाकामी है।


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानून वापसी की घोषणा के बाद उसके पक्ष और विपक्ष में देश के आम नागरिक और सहित नेताओं की लगातार प्रतिक्रिया आती रही है। विपक्ष के नेता जहां सत्ता पक्ष पर तंज कस रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता इसे सराहनीय कदम बताने में जुटे हैं।

हम क्यों नहीं किसानों से संवाद स्थापित कर सके

दरअसल, वरिष्ठ बीजेपी लीडर उमा भारती ने आज एक के बाद एक कई ट्वीट किए। ट्वीट में उन्होंने लिखा, कि 'मैं पिछले चार दिनों से वाराणसी में गंगा किनारे हूं। 19 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की, तो मैं अवाक रह गई। इसलिए तीन दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूं।' उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानून वापसी की घोषणा करते समय जो कहा, वह मेरे जैसे लोगों को व्यथित कर गया। अगर कृषि कानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की कमी है। हम क्यों नहीं किसानों से ठीक से संपर्क और संवाद स्थापित कर सके।

'संबोधन से मैं व्यथित हो रही थी'

मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती आगे लिखती हैं, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत गहरी सोच और समस्या की जड़ को समझने वाले शख्स हैं। जो समस्या की जड़ समझता है, वह समाधान भी पूर्णतः करता है। देश की जनता और पीएम मोदी का आपस में बेहतर समन्वय है। जो विश्व के राजनीतिक, लोकतांत्रिक इतिहास में अभूतपूर्व है। कृषि कानूनों के संबंध में विपक्ष के निरंतर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके। इसी कारण उस दिन प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से मैं व्यथित हो रही थी।'

मां गंगा से प्रार्थना करती हूं

उमा भारती ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, कि 'पीएम मोदी ने तो कृषि कानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की। हमारे देश का ऐसा अनोखा नेता सदैव सफल रहे, यही बाबा विश्वनाथ व मां गंगा से प्रार्थना करती हूं।'


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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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