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Election 2024: अब इंदौर सीट पर कांग्रेस के पास क्या है विकल्प, बीजेपी उम्मीदवार की होगी निर्विरोध जीत?
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के बीच इंदौर सीट पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांत ने अपना नामांकरन वापस ले लिया है। साथ ही वह अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में अब इस सीट पर कांग्रेस के पास क्या विकल्प है।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग से पहले मध्यप्रदेश की इंदौर सीट पर ‘खेला’ हो गया है। दरअसल, इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन पर्चा वापस ले लिया है। साथ ही वह अब भाजपा में शामिल हो गए हैं। अक्षय कांति के द्वारा नामांकन वापस लेने के अलावा कांग्रेस के दूसरे प्रत्याशी मोती सिंह पटेल का भी नामांकन पर्चा रद्द हो गया है। ऐसे में अब इंदौर सीट पर बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी के सामने कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार नहीं बचा है।
कांग्रेस को है इस बात का शक
दरअसल, आज यानी सोमवार सुबह अक्षय कांति बम विधायक रमेश मेंदोला के साथ अपना नामांकन फॉर्म वापस लेने पहुंचे। बता दें, बीते 25 अप्रैल को अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन पर्चा भरा था। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस को इस बात का शक है कि अक्षय कांति बम ने पर्चा भरते समय ही जानबूझकर गलती की थी। उन्होंने नामांकन पर्चे में खुद को स्वतंत्र प्रत्याशी बताया था।
रविवार को अक्षय चंदननगर पहुंचे थे
इसको लेकर कांग्रेस ने पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को पहले ही जानकारी दी थी कि इंदौर लोकसभा सीट पर गड़बड़ी हो सकती है, लेकिन वो ध्यान नहीं दे पाए। बीते दिन यानी रविवार को अक्षय कांति बम चंदननगर क्षेत्र में पहुंचे थे और वहां उन्होंने जय श्रीराम के नारे लगाए थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस खेल की सारी पटकथा कल ही तैयार हो चुकी थी।
17 वर्ष पुराने मामले में अक्षय पर लगी कई धाराएं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम जानलेवा हमले के केस में फंसे हुए हैं। जिला अदालत ने 17 साल पुराने एक केस में अक्षय बम पर हत्या के प्रयास की धारा बढ़ा दी है। अब तक इस मामले में सिर्फ धारा 323, 506, 147, 148, 149 ही लगी थीं। साथ ही जिला अदालत ने अक्षय कांति बम और उनके पिता कांति बम को 10 मई को कोर्ट में उपस्थित होने को भी कहा है।
10 मई को पेश होने के आदेश
फरियादी युनूस पटेल के अधिवक्ता मुकेश देवल के अनुसार, मामला कनाडिया क्षेत्र की जमीन का है। यह जमीन फरियादी की थी। अक्षय बम, उनके पिता कांति बम और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने 2007 में उनकी इस जमीन का सौदा 50 लाख रुपये में करते हुए एक अनुबंध किया था। बाद में आरोपितों ने तय अमाउंट का चेक देकर जमीन की रजिस्ट्री करवा ली, लेकिन चेक बाउंस हो गया। बता दें, पुलिस ने इस केस में मामूली धाराओं में मामला दर्ज किया था। वकील देवल ने बताया कि प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले को अगली कार्रवाई के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के सामने भेज दिया है। आरोपितों को 10 मई को उन्हीं के सामने पेश होना है।