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सरकारी अस्पताल की लापरवाही, हिंदू परिवार को दिया मुस्लिम महिला का शव

मॉर्च्यूरी स्टाफ की इस लापरवाही का खुलासा तब हुआ जब मुस्लिम परिवार अपनी मां का शव लेने अस्पताल पहुंचा।

APOORWA CHANDEL
Published by APOORWA CHANDEL
Published on: 9 April 2021 2:38 AM GMT
सरकारी अस्पताल की लापरवाही, हिंदू परिवार को दिया मुस्लिम महिला का शव
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सरकारी अस्पताल हमीदिया (फोटो-सोशल मीडिया)

भोपाल: देश में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे है। वहीं मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक सरकारी अस्पताल से लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में दो महिलाओं के शव बदल दिये गये। सरकारी अस्पताल में भर्ती दोनों ही महिलाओं की कोरोना से मौत हो गई। वहीं जब इस बात का खुलासा हुआ तो अस्पताल प्रशासन मौन हैं।

सरकारी अस्पताल में जिन दो महिलाओं की कोरोना से मौत हुई उनमें से एक महिला हिंदू और दूसरी मुस्लिम परिवार से हैं। और अस्पताल वालों ने गैर-जिम्मेदारी दिखाते हुए मुस्लिम महिला का शव हिंदू परिवार को दे दिया। जिसके बाद उन लोगों उस महिला का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम-संस्कार कर दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब मुस्लिम परिवार महिला का शव लेने पहुंचा।

स्टाफ की लापरवाही

मॉर्च्यूरी स्टाफ की इस लापरवाही का खुलासा तब हुआ जब मुस्लिम परिवार अपनी मां का शव लेने अस्पताल पहुंचा। वहीं महिला का शव मॉर्च्यूरी में न मिलने पर छानबीन की गई, तो पता चला कि महिला का तो अंतिम संस्कार नजीराबाद में कर दिया गया है। दरअसल हिंदू परिवार नजीराबाद का रहने वाला है। और वो शव लेकर वहीं चल गए और वहां हिंदू रीति रिवाज से महिला की अंत्येष्टि कर दी।

परिवार में गुस्सा

महिला के अंतिम-संस्कार होने की बात सुनते ही परिवार के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी और वो गुस्से में आ गया। परिवार वालों के गुस्से को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को फोन किया जिसके बाद अस्पताल में पुलिस बल तैनात किया गया। परिवार बेहद गम और गुस्से में है। एक तो मां की मौत का गम और ऊपर से उनका अंतिम दर्शन तक नसीब नहीं हो पाया।

हिंदू परिवार ने दी जानकारी

वहीं जब इस मामले की जांच के लिए हिंदू परिवार को बुलाया गया। तो उन्होंने बताया कि अस्पताल स्टाफ ने शव की शिनाख्त करवाने के बाद बॉडी पैक करने के लिए अंदर भेज दी। उसी के बाद शव बदल गया। महिला की मौत कोरोना से हुई इसलिए परिवार ने गाइड लाइन का पालन करते हुए पैक बॉडी को खोला नहीं और अंतिम-संस्कार कर दिया।

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