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Bhimashankar Jyotirlinga: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर का यह ज्योतिर्लिंग, इसके दर्शन करने से सभी जन्मों के पाप होते हैं दूर

Bhimashankar Jyotirlinga: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर का यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का स्वयंभू रूप है। ऐसा कहा जाता है कि ये ज्योतिर्लिंग शिव के प्रकाश के एक उग्र स्तंभ के रूप में प्रकट होने से हुआ।

Sarojini Sriharsha
Published on: 15 Feb 2023 3:19 PM IST
Bhimashankar Jyotirlinga
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Bhimashankar Jyotirlinga (photo: social media )

Bhimashankar Jyotirlinga: भारत के महाराष्ट्र राज्य में पुणे शहर से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग स्थित है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग काफी बड़ा और मोटा है, जिसके कारण इन्हें मोटेश्वर महादेव के नाम से भी पूजा जाता है। इस मंदिर के पास ही भीमा नदी बहती है जो कृष्णा नदी में जाकर मिल जाती है। ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस को हराया था तब उनका (भगवान शिव) का पसीना यहां गिरा था जिसे भीमा नदी कहा जाता है। इस नदी को यहां के लोग पवित्र मानते हैं।

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भीमाशंकर का यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का स्वयंभू रूप है। ऐसा कहा जाता है कि ये ज्योतिर्लिंग शिव के प्रकाश के एक उग्र स्तंभ के रूप में प्रकट होने से हुआ। इस मंदिर में लिंग मुख्य गर्भगृह में जमीन की तुलना में निचले स्तर पर स्थित है। इस मंदिर में लिंग का शीर्ष एक संकीर्ण नाली द्वारा विभाजित है जो आधा भगवान शिव और आधा देवी पार्वती का प्रतीक है और "अर्धनारीश्वर" के रूप में भी देखे जाते हैं। अनादि काल से इस लिंग से निरंतर जल प्रवाहित होता है।

नागर शैली में बने इस मंदिर में इंडो-आर्यन शैली की झलक भी देखने को मिलती है। लोगों की ऐसी भी मान्यता है कि सूर्योदय के बाद जो भी भक्त इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करेगा उसके सभी जन्मों के पाप दूर हो जाएंगे और वह मोक्ष प्राप्त करेगा। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार प्राचीन काल में कुंभकर्ण और कर्कट की पुत्री कर्कटी से उत्पन्न भीम नामक एक महाबलशाली राक्षस हुआ करता था। ब्रह्मा जी को प्रसन्न करने के लिए उस राक्षस ने एक हजार वर्ष तक तप किया जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उसे वरदान दिया। इस वरदान के कारण भीम राक्षस ने इंद्र सहित विष्णु जैसे देवताओं को भी हरा दिया।

इसी कड़ी में भीम राक्षस ने भगवान शिव के परम भक्त सुदक्षिण को हराकर कारागार में बंद कर दिया। तब राजा ने भगवान शिव की पार्थिव मूर्ति बनाकर पूजा-अर्चना शुरू कर दी इससे भगवान शिव ने खुश होकर उस राक्षस का वध किया और तभी से भीमाशंकर नमक शिवलिंग से विख्यात हुए।

कई अन्य धार्मिक स्थल

कमलजा मंदिर

यह मंदिर माता पार्वती को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर माता पार्वती ने त्रिपुरासुर राक्षस से युद्ध किया था जिसके बाद ब्रह्माजी ने देवी की कमल के फूलों से पूजा की थी जिसके नाम पर इस मंदिर का नाम कमलजा पड़ा। इस मंदिर में माता पार्वती कमल के फूल पर विराजमान हैं। मंदिर के पास कई कुंड हैं जिसमें मोक्ष कुंड, सर्वतीर्थ कुंड, ज्ञान कुंड, और कुषारण्य कुंड प्रमुख हैं। इनमें स्नान करने से सारे पाप धुलकर कई जन्मों का पुण्य प्राप्त होता है।

मोक्ष कुंड

यह कुंड मंदिर के पीछे स्थित है और माना जाता है की महर्षि विश्वामित्र ने देवताओं को प्रसन्न करने के लिए यहां तपस्या की थी।

गुप्त भीमाशंकर

इस स्थान तक आप भीमाशंकर मंदिर से एक ट्रैकिंग रास्ते के जरिए लिंग की खोज तक पहुंच सकते हैं। यह लिंग चारों ओर हरे भरे प्राकृतिक वातावरण के बीच एक झरने के किनारे स्थित है।

साक्षी गणपति मंदिर

यह मंदिर भीमाशंकर मंदिर से 2 किमी की दूरी पर है। यहाँ के गणपति ज्योतिर्लिंग के भक्तों के दर्शन के साक्षी हैं। ऐसा मानना है कि भीमाशंकर मंदिर में आने वाले हर भक्त का हाजिरी भगवान गणपति रखते हैं। भगवान शिव और गणपति के प्रति अपना आदर दिखाने के लिए तीर्थयात्री इस मंदिर में आते हैं।

कैसे पहुंचें?

इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए आप हवाई, रेल और सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं। यहां पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा पुणे है। मंदिर से इस एयरपोर्ट की दूरी करीब 102 किलोमीटर है।

पुणे एयरपोर्ट भारत के सभी मुख्य शहरों से जुड़ा है। यहां पहुंचकर आप बस, टैक्सी आदि की सहायता से ज्योतिर्लिंग दर्शन को आ सकते हैं।

यहां आने के लिए मुख्य रेलवे स्टेशन पुणे जंक्शन है जहां से ज्योतिर्लिंग की दूरी तकरीबन 110 किलोमीटर है। पुणे जंक्शन के लिए भारत के प्रमुख शहरों से ट्रेन लेकर आ सकते हैं।

यहां साल के किसी महीने में आ सकते हैं जिसमें मानसून के दौरान रास्ते में काफी हरियाली देखने को मिलेगी। वैसे श्रावण सोमवार और महाशिवरात्रि के दौरान काफी भीड़ देखने को मिलेगी। अक्टूबर से मार्च तक का महीना पर्यटकों के लिए सुहावना रहता है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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