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Maharashtra: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को बीएमसी का नोटिस, अवैध निर्माण को हटाने के लिए दी आखिरी मोहलत

Maharashtra: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री राणे को बीएमसी ने नोटिस दिया है, आरोप है कि बंगले में अवैध निर्माण करवाया गया है, जिसे तोड़ने के लिए 15 दिनों की मोहलत दी गई है।

Krishna Chaudhary
Published on: 19 March 2022 7:30 PM IST
Maharashtra: BMCs notice to Union Minister Narayan Rane, given last time to remove illegal construction
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केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को बीएमसी का नोटिस: Photo - Social Media

Mumabi: महाराष्ट्र बीजेपी (BJP) के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Union Minister Narayan Rane) इन दिनों मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के निशाने पर हैं। बीएमसी (BMC) ने तीसरी बार नारायण राणे को मुंबई स्थित उनके बंगले में अवैध निर्माण (illegal construction) को लेकर नोटिस जारी किया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री राणे का मुंबई के पॉश इलाके जुहू स्थित बंगला आदिश है। बीएमसी का आरोप है कि बंगले में अवैध निर्माण करवाया गया है, जिसे तोड़ने के लिए 15 दिनों की मोहलत दी गई है।

बीएमसी (BMC) द्वारा भेजे गए नोटिस में स्पष्ट कहा गया है कि इन 15 दिनों में वे खूद इन अवैध निर्माण को हटा लें अन्यथा हम गिराएंगे। दरअसल, राणे के बंगले में अवैध निर्माण किए जाने की शिकायत आने के बाद पिछले महीने बीएमसी के अधिकारियों ने इस बंगले का मुआयना किया था। फिर 4 मार्च 2022 को महानगरपालिका ने राणे परिवार को नोटिस भेज अवैध निर्माण को लेकर जवाब मांगा था।

स्वयं गिराने के लिए 15 दिनों की मोहलत

इसके जवाब में राणे फैमिली ने अपने वकील के जरिए निर्माण को अधिकृत बताया था, जिसे बीएमसी ने खारिज कर दिया। इसके बाद अब बीएमसी ने राणे परिवार को आखिरी नोटिस भेज अवैध निर्माण स्वयं गिराने के लिए 15 दिनों की मोहलत दी है। इस दौरान अगर अवैध निर्माण को नहीं हटाया जाता है तो बीएमसी प्रशासन स्वयं ये काम करने आएगी।

बीएमसी का आरोप नियमों की हुई अनदेखी

मुंबई महानगरपालिका ने केंद्रीय मंत्री राणे के आठ मंजिला इमारत में हर मंजिला इमारत पर नियमों को अनदेखी कर अवैध निर्माण का आरोप लगाया है। बीएमसी के मुताबिक बंगले में बढ़- चढ़कर अवैध निर्माण हुआ है। स्वीकृत किए गए नक्शे के बजाय मनमर्जी तरीके से काम हुआ है।

राणे ठाकरे में अदावत

महाराष्ट्र की राजनीति में इस मामले को शिवसेना सुप्रीमो और मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे औऱ केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बीच वर्षों पुरानी चली आ रही अदावत का हिस्सा माना जा रहा है। कभी शिवसेना कोटे से राज्य के मुख्यमंत्री बने नारायण राणे अब शिवसेना को फूंटी आंख नहीं सुहाते हैं। दोनों पक्षों के बीच आए दिन बयानबाजी होती रहती है। देखना होगा कि बीएमसी के इस नोटिस पर बीजेपी का क्या रूख अपनाती है।



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Shashi kant gautam

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