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Maharashtra: अनिल देशमुख की जेल से रिहाई का रास्ता साफ, बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज की सीबीआई की याचिका
Maharashtra: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने CBI की ओर से देशमुख की बेल पर रोक लगाने के लिए दाखिल याचिका खारिज कर दी है।
Maharashtra: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) की साल भर बाद जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की ओर से देशमुख को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने सीबीआई की ओर से देशमुख की बेल पर रोक लगाने के लिए दाखिल याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट की ओर से यह याचिका खारिज किए जाने के बाद माना जा रहा है कि देशमुख की कल जेल से रिहाई हो सकती है।
देशमुख वसूली और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पिछले एक साल से जेल में बंद हैं। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने देशमुख पर गृह मंत्री रहने के दौरान वसूली का रैकेट चलाने का बड़ा आरोप लगाया था। इसके बाद सीबीआई की ओर से देशमुख पर शिकंजा कस दिया गया था।
रिहाई पर रोक लगाने से हाईकोर्ट का इनकार
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एमएस कार्णिक की बेंच ने गत 12 दिसंबर को देशमुख की जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। अदालत ने यह फैसला 10 दिन बाद लागू होने और देशमुख के 21 दिसंबर को रिहा होने की बात कही थी। सीबीआई की ओर से कहां गया था कि वह हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती देगी। इसलिए तब तक अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर स्टे लगा दिया जाए। सीबीआई के अनुरोध के बाद देशमुख की जमानत पर 27 दिसंबर तक स्टे लगा दिया गया था।
सीबीआई की ओर से देशमुख की बेल पर रोक जारी रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी मगर क्रिसमस की छुट्टियों के चलते इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी। इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अनिल देशमुख की जमानत पर और अधिक अवधि के लिए रोक लगाने से इनकार करते हुए उनकी रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है। हाईकोर्ट की ओर से यह कदम उठाए जाने के बाद माना जा रहा है कि देशमुख कल जेल से रिहा हो सकते हैं।
देशमुख पर वसूली का गंभीर आरोप
महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे सरकार में अनिल देशमुख को काफी ताकतवर मंत्री माना जाता था। उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली हुई थी। राज्य के गृहमंत्री के रूप में उन पर वसूली के गंभीर आरोप लगे थे। मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने देशमुख पर गंभीर आरोप लगाया था। उनका कहना था कि सचिन वाजे नामक पुलिस अधिकारी देशमुख का करीबी था और वाजे के जरिए देशमुख ने पूरे महाराष्ट्र में वसूली का रैकेट चला रखा था। वाजे के जरिए उन्होंने करोड़ों रुपए की वसूली की।
शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक भरी कार के मामले में भी सचिन वाजे के खिलाफ जांच पड़ताल हुई थी। बाद में सीबीआई ने इस मामले की जांच पड़ताल शुरू की थी और अनिल देशमुख को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। पिछले एक वर्ष के दौरान देशमुख की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें जमानत नहीं मिल सकी थी मगर अब उन्हें हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
देशमुख की गिरफ्तारी के बाद उद्धव सरकार के एक और प्रमुख मंत्री नवाब मलिक को भी गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से पहले देशमुख ने अपने ऊपर लगाए गए सारे आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया था। देशमुख और मलिक की गिरफ्तारी को लेकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन के नेताओं और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला था।