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Maharashtra: कोर्ट ने मानी CBI की मांग, पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और सचिन वाजे की Custody तीन दिनों के लिए बढ़ाई
Maharashtra: महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख को 100 करोड़ रूपये की वसूली मामले में सीबीआई (CBI) की स्पेशल कोर्ट ने न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है।
Mumbai: महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख (Home Minister Anil Deshmukh) को 100 करोड़ रूपये की वसूली मामले में सीबीआई (CBI) की स्पेशल कोर्ट ने न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है। उनके अलावा निलंबित पुलिस अधिकारी सजिन वाजे, कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे को भी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है। दरअसल, सीबीआई ने भ्रष्टाचार के इस मामले में अदालत से इन सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि तीन दिन के लिए बढ़ाने की मांग की थी।
16 अप्रैल तक बढ़ाई गई थी कस्टडी
सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने इससे पहले इस मामले में उद्धव सरकार में पूर्व मंत्री अनिल देशमुख, बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे की सीबीआई कस्टडी 16 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी थी। अदालत ने जांच की प्रगति औऱ आरोपों की प्रकृति का हवाला देते हुए ये फैसला सुनाया था। कोर्ट से पूर्व मंत्री की कस्टडी मांगते हुए सीबीआई ने दलील दी थी कि देशमुख पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। पूछे गए सवालों का सही से जवाब नहीं दे रहे हैं। इसलिए उनकी कस्टडी बढ़ाई जाए।
इस पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री के वकील विक्रम चौधरी ने कहा था कि अनिल देशमुख को पूछताछ के समय शांत रहने का अधिकार है। वो जवाब नहीं दे रहे, इसलिए उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाई जाए, इस तरह की दलील का कोई मतलब नहीं है। अनिल देशमुख के वकील ने अदालत को उनके उम्र और बीमारियों का हवाला देते हुए कहा कि उनके कंधे की सर्जरी होने वाली है।
देशमुख के वकील ने इस दौरान सीबीआई के कार्य करने के तरीके पर भी सवाल उठाए थे। इसी तरफ दो अन्य आरोपियों कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे के वकीलों ने देशमुख की ही तरह कस्टडी बढ़ाने का विरोध किया था।
सहयोग करने के लिए तैयार हैं- सजिन वाजे के वकील
लेकिन इसके विपरीत निलंबित पुलिस अधिकारी सजिन वाजे के वकील ने कस्टडी बढ़ाने का समर्थन किया था। अदालत में वाजे के वकील ने कहा था कि ये सारा मामला उसके सामने घटा है। वे एक पुलिस अधिकारी रहे हैं। उन्हें इसका एहसास है कि कस्टडी की क्या अहमियत होती है। उन्हें जितना मालूम था, उतना पहली ही बता दिया है। आगे भी सहयोग करने के लिए तैयार हैं।