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300 करोड़ की क्रिप्टोकरेंसी के लिए अपहरण रैकेट का भंडाफोड़, सिपाही ने रची थी साजिश

Cryptocurrency Ransom: पुलिस आयुक्त ने बताया कि मास्टरमाइंड यानी आरोपी पुलिस कांस्टेबल के साथ कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

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Newstrack NetworkPublished By Monika
Published on: 2 Feb 2022 4:39 AM GMT (Updated on: 2 Feb 2022 4:44 AM GMT)
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क्रिप्टोकरेंसी के लिए अपहरण (photo : social media)

Cryptocurrency Ransom: पिंपरी चिंचवड़ पुलिस (Pimpri Chinchwad Police) के वाकाड थाने की पुलिस टीम ने एक पुलिसकर्मी सहित आठ लोगों को कथित तौर पर 300 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी की फिरौती (cryptocurrency ransom) के लिए एक व्यक्ति का अपहरण (kidnapping) करने के आरोप में गिरफ्तार (arrested) किया है। यह पुलिसकर्मी (policeman) 2019 में 10,000 रुपये की रिश्वत (Bribe) लेते हुए पकड़ा गया था। जब वह पुणे (Pune) शहर पुलिस के साइबर अपराध प्रकोष्ठ (cyber crime cell) में तैनात था तब उसे पता चला था कि शेयर बाजार (share market) में कारोबार करने वाले व्यक्ति ने क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) जमा की है।

पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने मीडिया को बताया आरोपियों ने 14 जनवरी को तथावड़े के होटल समाधान से तथावड़े के शेयर व्यापारी विनय सुंदरराव नाइक का अपहरण कर लिया था. हालांकि उसे बाद में वाकाड में रिहा कर दिया गया। दरअसल कांस्टेबल दिलीप तुकाराम खंडारे को भनक लग गई थी कि वाकाड पुलिस आरोपियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

पुलिस आयुक्त ने बताया कि मास्टरमाइंड यानी आरोपी पुलिस कांस्टेबल के साथ कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के दौरान, कांस्टेबल खंडारे ने बताया कि पुणे साइबर क्राइम सेल के साथ काम करते हुए उसे पता चला कि नाइक के पास 300 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन) है। उसने दूसरों के साथ मिलकर साजिश रची और व्यवसायी का अपहरण कर लिया।

तकनीकी विश्लेषण के साथ आरोपी की तलाश शुरू की गयी

14 जनवरी को, रफीक अलाउद्दीन सैयद (38) ने वाकाड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके दोस्त नाइक का एक कार में 7-8 लोगों ने अपहरण कर लिया। वकाड थाने के प्रभारी ने वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक डॉ विवेक मुगलिकर के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

पुलिस टीम ने मोबाइल फोन लोकेशन के तकनीकी विश्लेषण के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर आरोपी की तलाश शुरू की। जब आरोपियों को पता चला कि पुलिस उनका पीछा कर रही है, तो उन्होंने नाइक को वाकाड में छोड़ दिया। नाइक ने पुलिस को बताया कि आठ लोगों ने बिटकॉइन और आठ लाख रुपये के लिए उसका अपहरण किया था।

नाइक के विवरण के आधार पर, पुलिस ने मुंबई से चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिनकी पहचान सुनील राम शिंदे (49), वसंत श्यामराव चव्हाण (47), फ्रांसिस टिमोथी डिसूजा (50) और मयूर महेंद्र शिर्के (35) के रूप में हुई है। जिस कार का इस्तेमाल वारदात में किया गया था उसे भी बरामद कर लिया गया। जिससे वे नाइक को रायगढ़ जिले के अलीबाग, कोपरवाड़ी मार्ग, जलपाड़ा में एक सुनसान जगह पर ले गए थे।

इंस्पेक्टर मुगलिकर ने बताया, गिरफ्तार आरोपियों ने अपने साथियों प्रदीप काशीनाथ काटे, दिलीप तुकाराम खंडारे, संजय उर्फ निको राजेश बंसल, शिरीष चंद्रकांत खोत के नाम बताए। उन्होंने बताया कि आरोपी खंडारे ने अपराध की योजना बनाई थी।"

कौन हैं दिलीप खंडारे? (who is Dilip Khandare)

दिलीप तुकाराम खंडारे की पृष्ठभूमि की जांच करने पर पता चला कि वह पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय के पुलिस मुख्यालय में एक पुलिस कांस्टेबल के रूप में कार्यरत था और वर्तमान में ड्यूटी से अनुपस्थित था। उन्हें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 2019 में चिखली पुलिस स्टेशन मं तैनात होने के दौरान 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।

Monika

Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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