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Dharavi Project: क्या अडानी के हाथ से जाएगी धारावी पुनर्विकास परियोजना? उठने लगी है मांग
Redevelopment of Dharavi Project: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद देश में गौतम अडानी के प्रोजेक्ट्स का विरोध शुरू हो गया है। धारावी पुनर्विकास परियोजना पर विपक्ष ने सवाल खड़े किये हैं।
Redevelopment of Dharavi Project: एशिया के सबसे रईस शख्स गौतम अडानी (Gautam Adani) के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने उनके व्यापारिक साम्राज्य को खासा नुकसान पहुंचाया है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) ने अडानी के साम्राज्य को हिलाया जरूर है। जिसका असर अब भारत में अडानी समूह के प्रोजेक्ट्स पर भी दिखने लगा है। अडानी को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमाने लगी है। महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियां अडानी समूह से धारावी पुनर्विकास परियोजना (Redevelopment of Dharavi) वापस लेने की मांग करने लगी है।
हिंडनबर्ग की एक नकारात्मक रिपोर्ट का असर इन दिनों बिजनेस टायकून गौतम अडानी के कारोबार पर देखने को मिल रहा है। जानकारी के लिए आपको बता दें, कि नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली हिंडनबर्गने बीते दिनों गौतम अडानी के कारोबार को लेकर एक निगेटिव रिपोर्ट दी थी। जिसके बाद अडानी की संपत्ति करीब 6 अरब डॉलर यानी 4,89,20,64,00,000 धड़ाम हो गई।अडानी ग्रुप (Adani Group) की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। एक झटके में गौतम अडानी की प्रॉपर्टी (Gautam Adani's property) अर्श से फर्श पर आती दिख रही है। अब अडानी के प्रोजेक्ट्स को वापस लेने की भी मांग उठने लगी है।
क्या है धारावी पुनर्विकास परियोजना?
देश की व्यापारिक राजधानी मुंबई में एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी (Biggest Slum) धारावी है। राज्य सरकार ने धारावी के पुनर्विकास के लिए एक प्रोजेक्ट लेकर आई। जब इसकी बोली लगाई गई तो गौतम अडानी समूह (Gautam Adani Group) ने इसे हासिल किया। अडानी समूह ने इसे हासिल करने के लिए 5,690 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। पिछले साल नवंबर महीने में अडानी ग्रुप ने धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट को हासिल किया। अडानी ने डीएलएफ ग्रुप, नमन समूह को पीछे छोड़ते हुए टेंडर हासिल की थी। सबसे बड़ी बोली लगाने के कारण यह प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप के हाथ आ गई।
17 साल चलने वाला प्रोजेक्ट
राज्य सरकार की शर्तों के आधार पर धारावी के पुनर्विकास का काम किया जाना है। धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट करीब 20 हजार करोड़ रुपए का होने वाला है। इस प्रोजेक्ट को 17 वर्षों में पूरा किया जाएगा। अगले 7 सालों पुनर्वास का काम पूरा कर लिया जाएगा। आपको बता दें, धारावी में एक समय चमड़े का बहुत बड़ा उद्योग हुआ करता था। मगर, जैसे-जैसे मुंबई का विकास होता गया, यह झोपड़पट्टी भी फैलती चली गई। मुंबई के इस हिस्से में उसी अनुपात में लघु उद्योग (small industry) भी बढ़ते गए। यह पूरा इलाका मुंबई के बिलकुल बीचो-बीच स्थित है। जिसके एक तरफ बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (Bandra-Kurla Complex) है तो दूसरी तरफ दादर (Dadar)। धारावी में करीब 10 लाख लोग रहते हैं। इस नजरिए से पुनर्विकास से पहले पुनर्वसन का काम बहुत बड़ा है।
अब जब गौतम अडानी का व्यापारिक समूह नए विवाद में घिर गया है, तब महाराष्ट्र की तमाम विपक्षी पार्टियों ने धारावी प्रोजेक्ट का विरोध करना शुरू कर दिया है। राजनीतिक दलों की मांग है कि ये प्रोजेक्ट अडानी समूह के हाथ से ले लिया जाए।