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महाराष्ट्र में कांग्रेस की नाराजगी बढ़ी, वरिष्ठ नेता ने सोनिया को चिट्ठी लिखकर किया आगाह
Maharashtra: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल कांग्रेस के 25 विधायकों ने हाल में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर सरकार में सुनवाई न होने की शिकायत की थी।
Maharashtra: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल कांग्रेस की नाराजगी के चलते उद्धव सरकार (uddhav government) के लिए संकट बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के 25 विधायकों ने हाल में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिखकर सरकार में सुनवाई न होने की शिकायत की थी। अब कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता विश्वबंधु राय (Vishwabandhu Rai) ने सोनिया को चिट्ठी लिखकर आगाह किया है कि राज्य में भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस को खुद को बर्बाद नहीं करना चाहिए। राय पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर महाराष्ट्र में कांग्रेस के लगातार कमजोर होने की जानकारी देते रहे हैं।
भाजपा को रोकने में कमजोर हो रही पार्टी
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य विश्वबंधु राय (Vishwabandhu Rai) का मानना है कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल सहयोगी दलों शिवसेना और एनसीपी के नेताओं पर लगातार केंद्रीय एजेंसियों के छापे पड़ रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि दोनों दलों के नेताओं पर ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई की ओर से शिकंजा कसा जा रहा है और इन नेताओं के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जा रही है।
इन दोनों दलों के साथ सरकार में कांग्रेस भी शामिल है। इसलिए दोनों सहयोगी दलों के कुकर्मों के छींटे कांग्रेस के दामन पर भी पड़ रहे हैं और इसका खामियाजा कांग्रेस को भी भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में सिर्फ भाजपा को रोकने के लिए कांग्रेस को अपना अस्तित्व दांव पर नहीं लगाना चाहिए। भाजपा को रोकने के चक्कर में पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है।
आखिर किस मुंह से वोट मांगने जाएगी कांग्रेस
उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार को चलाने के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाया गया था और इसी के आधार पर सरकार को चलाया जाना था। महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार को बने हुए ढाई साल का समय बीत चुका है मगर अभी तक कांग्रेस के घोषणा पत्र में किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं किया गया है। ऐसे में पार्टी के सभी विधायकों को इस बात की चिंता सता रही है कि वे अगले चुनाव में किस मुंह से मतदाताओं के सामने वोट मांगने के लिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह भी उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में विभिन्न आयोगों और समितियों में सहयोगी दलों के लोगों को खूब जगह दी जा रही है मगर कांग्रेस से जुड़े लोगों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। इसी का नतीजा है कि कांग्रेस के भीतर असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है मगर महाराष्ट्र के प्रभारी इस असंतोष से अनजान बने हुए हैं। इसी कारण हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
विधायकों ने भी लिखी है सोनिया को चिट्ठी
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस के भीतर नाराजगी की खबरें बाहर आई हैं। हाल में पार्टी के 25 विधायकों ने भी सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर शिकायत की थी कि महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में उनका कोई काम नहीं हो रहा है। उन्होंने अपनी पार्टी के मंत्रियों पर भी हमला बोला था। उन्होंने इस बाबत अपनी बात रखने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात का समय भी मांगा है। उनका कहना है कि राज्य में सरकारी कामकाज की व्यवस्था में बदलाव के लिए सोनिया गांधी को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
नहीं हो रहे कांग्रेस विधायकों के काम
कांग्रेस के विधायकों का कहना है कि राज्य के मंत्री और विशेष रूप से कांग्रेस से जुड़े हुए मंत्री उनकी बातों को कोई महत्व नहीं दे रहे हैं। नाराज विधायकों का कहना है कि जब वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों की कोई समस्या लेकर मंत्रियों के पास जाते हैं तो उनके अनुरोध की अनदेखी कर दी जाती है। नाराज विधायकों में शामिल एक कांग्रेस नेता ने कहा कि जब वे अपने चुनाव क्षेत्रों की समस्याएं ही नहीं दूर कर पाएंगे तो कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन कैसे कर पाएगी।
कांग्रेस विधायकों का यह भी कहना है कि एनसीपी नेता और राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार नियमित रूप से एनसीपी विधायकों की समस्याएं दूर करने में जुटे रहते हैं और इसी कारण कांग्रेस एनसीपी से लगातार पिछड़ती जा रही है। अगर यही रवैया आगे जारी रहा तो महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की हालत पंजाब जैसी ही हो जाएगी।
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