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Dussehra Rally: BMC ने दिया शिवसेना को बड़ा झटका, अब उद्धव गुट को हाईकोर्ट से उम्मीदें

Dussehra Rally: शिवसेना की ओर से पिछले 56 साल से शिवाजी पार्क में ही दशहरा रैली का आयोजन किया जाता रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 23 Sept 2022 10:56 AM IST
Uddhav Thackeray
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उद्धव ठाकरे (photo: social media )

Dussehra Rally: दशहरा रैली को लेकर बीएमसी ने आखिरकार अपना फैसला सुना दिया है। बीएमसी की ओर से शिवसेना के दोनों गुटों को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली करने की इजाजत नहीं दी गई है। इस रैली को लेकर उद्धव और शिंदे गुट के बीच पिछले कई दिनों से खींचतान चल रही थी। बीएमसी का यह फैसला उद्धव गुट के लिए खास तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है। शिवसेना की ओर से पिछले 56 साल से शिवाजी पार्क में ही दशहरा रैली का आयोजन किया जाता रहा है। उद्धव गुट ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था मगर बीएमसी ने उद्धव गुट को करारा झटका दिया है।

इसे लेकर आगे भी तनातनी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।। वैसे उद्धव गुट को इस मामले में अब हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है। उद्धव गुट के नेताओं ने उम्मीद जताई है कि हाईकोर्ट की ओर से उद्धव गुट को शिवाजी पार्क में ही रैली करने की इजाजत मिल जाएगी।

शिवाजी पार्क क्यों है अहम

शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को शिवसेना के लिए काफी अहम माना जाता रहा है। इस पार्क से ठाकरे परिवार का भावनात्मक लगाव रहा है क्योंकि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने शिवसेना की स्थापना के बाद 1966 में पहली बार शिवाजी पार्क में ही दशहरा रैली का आयोजन किया था। बाल ठाकरे के पिता भी दशहरा के मौके पर उत्सव का आयोजन किया करते थे और इसी कारण बाल ठाकरे ने भी दशहरा रैली की शुरुआत की थी।

बाल ठाकरे ने 1966 के बाद हर साल इसी पार्क में रैली को संबोधित किया। उनके निधन के बाद उद्धव ठाकरे अभी तक इस परंपरा को निभाते रहे हैं। महाराष्ट्र में पहली बार भाजपा शिवसेना की सरकार बनने पर इसी मैदान पर शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित किया गया था। इसी कारण उद्धव गुट ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रखा था मगर इस गुट को बीएमसी ने बड़ा झटका दे दिया है।

अब उद्धव गुट को हाईकोर्ट से उम्मीद

शिवसेना नेताओं की ओर से पहले चेतावनी दी गई थी कि बीएमसी की ओर से अनुमति न मिलने पर भी इसी पार्क में रैली का आयोजन किया जाएगा। हालांकि पार्टी नेताओं की ओर से वैकल्पिक स्थान की तलाश भी की जा रही थी। वैसे पार्टी नेताओं को अभी भी यह पार्क मिलने की उम्मीद बनी हुई है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अनिल परब का कहना है कि हमें इस संबंध में हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है। इसके बाद ही दशहरा रैली के आयोजन को लेकर कोई आखिरी फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि हाईकोर्ट की ओर से हमें अनुमति हासिल हो जाएगी।

शिवसेना के एक अन्य नेता ने भी कहा कि शिवाजी पार्क में रैली के आयोजन पर उद्धव गुट का ही पहला हक है और हाईकोर्ट निश्चित ही इस मामले में न्याय करेगा। उन्होंने कहा कि उद्धव गुट की ओर से बीएमसी के पास पहले आवेदन दिया गया था मगर इसके बावजूद बीएमसी ने हमें रैली की अनुमति न देकर गलत फैसला किया है। महाराष्ट्र में कोरोना के कहर के कारण 2019 के बाद दशहरा रैली का आयोजन नहीं हो सका था और इसी कारण उद्धव गुट ने इस बार दशहरा रैली में ताकत दिखाने की योजना बना रखी है।

शिंदे गुट भी दिखाएगा ताकत

उधर शिंदे गुट की ओर से अभी तक बीएमसी के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है। बीएमसी की ओर से शिंदे गुट को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के एमएमआरडीए मैदान का आवंटन पहले ही किया जा चुका है। शिंदे गुट की ओर से असली शिवसेना होने का दावा किया जाता रहा है और इसी कारण शिंदे गुट ने भी दशहरा रैली के जरिए अपनी ताकत दिखाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि दशहरा रैली को लेकर उद्धव और शिंदे गुट के बीच घमासान का दौर अभी आगे भी जारी रहेगा।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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