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Shiv Sena Symbol: शिव सेना का चुनाव चिन्ह आयोग ने फ्रीज किया, दोनों धड़ों को नया नाम और नया चिन्ह मिलेगा
Shiv Sena Symbol: चुनाव आयोग का कहना है कि 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी ईस्ट उपचुनाव में दोनों समूहों में से किसी को भी "शिवसेना" के लिए आरक्षित "धनुष और तीर" के प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
Shiv Sena Symbol: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में चुनाव आयोग ने शिव सेना का चुनाव चिन्ह फ्रीज कर दिया है। शिव सेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे, दोनों समूहों को वर्तमान उपचुनावों के लिए अब अलग अलग प्रतीकों का एलॉटमेंट किया जायेगा। दोनों समूहों को 10 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे तक मुक्त चुनाव चिन्हों में से किये एक को चुनने और प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
चुनाव आयोग का कहना है कि 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी ईस्ट उपचुनाव में दोनों समूहों में से किसी को भी "शिवसेना" के लिए आरक्षित "धनुष और तीर" के प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। असली शिव सेना कौन है, चुनाव आयोग द्वारा इस विवाद का फैसला होने तक न तो उद्धव ठाकरे और न एकनाथ शिंदे, पार्टी के नाम या प्रतीक का उपयोग कर सकते हैं।
यह आदेश उस समय आया है जब चुनाव आयोग ने शिवसेना के ठाकरे धड़े को राज्य में आगामी विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर पार्टी के 'धनुष और तीर' के प्रतीक पर प्रतिद्वंद्वी शिंदे खेमे द्वारा किए गए दावे पर आज तक जवाब देने को कहा था।
अंधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव नजदीक आने पर शिंदे धड़े ने 7 अक्टूबर को आयोग को एक ज्ञापन सौंपा तहस जिसमें 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न आवंटित करने की मांग की गई थी।
शिव सेना में जून में दो फाड़ होने के बाद से दोनों गुट एक-दूसरे पर बाल ठाकरे की विरासत को कलंकित करने का आरोप लगाते रहे हैं। इस हफ्ते की ग्रैंड दशहरा बैठक में, एकनाथ शिंदे ने कहा था कि : "क्या आपको वहां खड़े होने और बोलने का कोई नैतिक अधिकार है? आपने अपने निजी कारणों से शिव सैनिकों का इस्तेमाल किया और कांग्रेस और एनसीपी के साथ आगे बढ़े। बालासाहेब ठाकरे रिमोट कंट्रोल पर सरकार चलाते थे और आपने यह रिमोट कंट्रोल राकांपा को दे दिया।
उधर शिवाजी पार्क के पारंपरिक स्थल पर एक रैली में उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि शिंदे एक "देशद्रोही" हैं जो पार्टी को "लालच" से नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं।