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SC on Shiv Sena: शिवसेना पर किसका होगा अधिकार, अब संविधान पीठ करेगी तय, 25 अगस्त को होगी अगली सुनवाई

SC on Shiv Sena: सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में चुनाव आयोग से कहा कि वह पार्टी सिंबल विवाद पर गुरूवार तक कोई फैसला न ले। पांच जजों की बेंच 25 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई करेगी।

Krishna Chaudhary
Published on: 23 Aug 2022 6:44 PM IST
Maharashtra News A five judge bench on Shiv Sena symbol will hear the matter on August 25
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शिवसेना पर 25 अगस्त को होगी अगली सुनवाई। (Social Media)

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SC on Shiv Sena: जून में शिवसेना (Shiv Sena) से बगावत कर महाविकास अघाड़ी सरकार (mahavikas aghadi government) को गिराने वाले एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच पार्टी पर अधिकार की लड़ाई जारी है। अपने नेता को कुर्सी से हटाकर मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) की नजर अब शिवसेना पर है। बीते दो माह से दोनों गुट इसकी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे हैं। मंगलवार को शीर्ष अदालत में इस मामले पर एकबार फिर सुनवाई हुई। अदालत ने इस केस को अब संविधान बैंच को ट्रांसफर कर दिया है।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण (Chief Justice NV Raman), जस्टिस कृष्णा मुरारी (Justice Krishna Murari) और जस्टिस कोहली की बेंच ने कहा कि डिप्टी स्पीकर को हटाने का नोटिस लंबित होने के दौरान क्या वो विधायकों की अयोग्यता का नोटिस जारी कर सकते हैं। इस पर सुनवाई की जरूरत है। इसलिए इस मामले पर संविधान पीठ को सुनवाई करने की जरूरत है। जानकारी के मुताबिक, तीनों जजों की बेंच ने आठ सवाल तैयार किए है, जिसके आधार पर संविधान बैंच फैसला करेगी कि शिवसेना किसकी है।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को दिया ये आदेश

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनाव आयोग (election Commission) की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है। अदालत ने अपने आदेश में चुनाव आयोग से कहा कि वह पार्टी सिंबल विवाद पर गुरूवार तक कोई फैसला न ले। पांच जजों की बेंच 25 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई करेगी। बता दें कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट ने चुनाव आयोग के समक्ष खुद को असली शिवसेना घोषित करने और धनुष – बाण चिह्न पर दावा ठोंका है।

पिछली सुनवाई में क्या हुआ था ?

पिछली सुनवाई में शिंदे गुट ने अयोग्यता के आरोप को गलत बताते हुए कहा था कि वे अभी भी शिवसैनिक हैं। वहीं उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि शिंदे गुट में शामिल होने वाले विधायक संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से तभी बच सकते हैं, अगर वो अलग हुए गुट का विलय किसी अन्य दल में कर देते हैं।

बता दें कि शिंदे गुट के पास वर्तमान में शिवसेना के 50 विधायको और 12 सांसदों का समर्थन हासिल है। लोकसभा में भी उनके गुट को अलग से मान्यता मिल गई है। राहुल शेवाले को संसद के निचले सदन में शिंदे गुट का नेता बनाया गया है।

Deepak Kumar

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