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Maharashtra: नासिक पुलिस को बॉम्बे HC का आदेश, कहा- राणे पर न करें कोई कार्रवाई
Maharashtra: मुंबई उच्च न्यायालय में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे से जुड़े मामले में आज यानी 25 अगस्त को सुनवाई हुई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने नासिक पुलिस को आदेश दिया कि वे नारायण राणे पर कोई कार्रवाई नहीं करें।
Maharashtra : मुंबई उच्च न्यायालय में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे से जुड़े मामले में आज यानी 25 अगस्त को सुनवाई हुई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने नासिक पुलिस को आदेश दिया कि वे नारायण राणे पर कोई कार्रवाई नहीं करें। हालांकि पुणे पुलिस द्वारा जो केस दर्ज किया गया है उस पर अभी अदालत ने कुछ नहीं कहा है। अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
राणे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने का आपत्तिजनक बयान दिया था। महाड में दिए गए उनके बयान पर 24 अगस्त को रत्नागिरि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। इसके बाद महाड पुलिस ने उन्हें लाकर महाड कोर्ट में पेश किया। देर रात महाड कोर्ट में मजिस्ट्रेट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली। आज बॉम्बे हाईकोर्ट में उन पर लगे केस रद्द करने के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई हुई।
ये कहा राणे के वकील ने
नारायण राणे की ओर से एडवोकेट सतीश मानशिंदे ने बहस की। राणे के वकील ने दावा किया कि राणे ने जो भी बयान दिया था वो काल्पनिक था। उन्होंने बयान दिया था कि वे अगर वहां होते तो ऐसा करते, वो वहां मौजूद नहीं थे। इसलिए इस काल्पनिक बयान पर कार्रवाई का मतलब नहीं है। राणे को राजनीतिक वजहों से गिरफ्तार किया गया था और द्वेष की भावना से प्रेरित कार्रवाई की गई है।
सहयोगी वकील अनिकेत निकम ने कोर्ट से बाहर आकर मीडिया को बताया कि कोर्ट में यह भी सवाल उठा कि राणे के खिलाफ जो भी केस दर्ज किया है। उनमें दोष सिद्ध होने पर सात साल से कम की सजा होती है। ऐसे में गिरफ्तारी से पहले नोटिस दी जाती है। सीधे गिरफ्तार नहीं किया जाता। सरकारी वकील अमित देसाई ने कहा कि राणे दोबारा विवादास्पद बयान नहीं देंगे यह आश्वासन दें।
राणे पर इन जगहों पर 4 मामले पुणे दर्ज
राणे पर चार मामले पुणे, नासिक, ठाणे और महाड में दर्ज हैं। राणे पर दर्ज सभी मामलों को खारिज करने की याचिका मुंबई हाईकोर्ट में दायर की गई थी। इसी पर आज बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। बुधवार को सुबह नारायण राणे के घर से वकीलों की एक टीम निकली। वकील अनिकेत निकम की टीम ने जरुरी कागजी कार्रवाई और अन्य औपचारिकता पूरी की और कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचे।
क्या था राणे का विवादित बयान?
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में निकाली गई जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान नारायण राणे ने आपत्तिजनक बयान दिया था। उनका कहना था कि यह काफी शर्मनाक है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को आजादी के साल के बारे में भी जानकारी नहीं है। कम से कम एक मुख्यमंत्री को तो वह आजादी के वर्षों के बारे में पूरी जानकारी जरूर होनी चाहिए। अगर मैं वहां होता तो मैं उन्हें जोरदार तमाचा जड़ देता।