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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल के फॉर्मूले पर बनी सहमति, जल्द होगा कैबिनेट विस्तार
Maharashtra Politics: बीजेपी और शिंदे गुट के बीच कैबिनेट गठन के फॉर्मूले पर बात बन गई है।अभी तक इस पर किसी की तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। कैबिनेट विस्तार जल्द हो सकता है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की नई एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde Government) की बहुप्रतिक्षित कैबिनेट विस्तार पर लगा धुंध अब छंटता नजर आ रहा है। खबर है कि बीजेपी (BJP) और शिंदे गुट के बीच कैबिनेट गठन के फॉर्मूले पर बात बन गई है। हालांकि, अभी तक इस पर किसी की तरफ से आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन बीजेपी सूत्रों की मानें तो कैबिनेट विस्तार जल्द हो सकता है। राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार (mahavikas aghadi government) गिरने के बाद बीते माह 30 जून को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री और देंवेंद्र फड़नवीस ने उपमुख्यमंत्री की शपथ ली थी।
ऐसे में दोनों के कार्यकाल को एक महीना होने को है लेकिन अब तक सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार (cabinet expansion) नहीं हो पाया है। पिछले दिनों सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि 2-3 दिनों में कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा। उन्होंने दोनों पक्षों के बीच विवाद की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि कुछ देरी हुई है मगर विवाद किसी स्तर पर नहीं है।
अहम भूमिका में अमित शाह
बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) के कैबिनेट विस्तार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) अहम भूमिका निभा रहे हैं। 48 लोकसभा सांसदों वाला देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र बीजेपी के लिए आगामी आम चुनाव के लिहाज से कितना महत्वपूर्ण है, इसे बताने की जरूरत नहीं है। इसलिए शाह ने कैबिनेट विस्तार की कमान अपने हाथों में ले रखी है। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र कैबिनेट में कुल 45 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें 25 भाजपा कोटे से, 13 शिंदे कोटे से और सात निर्दलीय विधायक शामिल हो सकते हैं। शिवसेना के बचे बागी विधायकों को निगम - बोर्डों में एडडस्ट किया जा सकता है।
विपक्ष का सरकार पर निशाना
एकनाथ शिंदे सरकार में उनके समर्थक विधायकों की संख्या 50 है, इनमें से 40 विधायक शिवसेना के हैं। वहीं बीजेपी के पास भी 106 विधायक हैं। ऐसे में दोनों दलों में मंत्री पद के दावेदारों की कमी नहीं है। खासकर शिंदे गुट के 40 शिवसेना विधायकों को संतुष्ट करना एक बड़ी चुनौती है। इसलिए बीजेपी आलाकमान और सीएम शिंदे को कैबिनेट विस्तार में पसीने छूट रहे हैं। विपक्ष शिंदे सरकार के इस संकट को भांप चुका है। पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने मौजूदा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दो लोंगों की सरकार सिर्फ नाम की है, लोगों की समस्याओं की अनदेखी हो रही है।
बता दें कि बुधवार को सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) दिल्ली बीजेपी नेताओं से मुलाकात करने जाने वाले थे। लेकिन ऐन मौके पर उनका ये दौरा रद्द हो गया था। बताया जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार के फॉर्मूले पर सहमति न बन पाने के कारण ऐसा हुआ।