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Maharashtra Election : क्या महाराष्ट्र में कांग्रेस बनी क्षत्रपों के लिए मुसीबत?, सीटों पर भी फंसा पेंच
Maharashtra Election : महाराष्ट्र में विधानसभा को लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने बीते दिन स्पष्ट कर दिया है कि 26 नवंबर से पहले चुनाव करा लिया जाएगा। अब राजनीतिक दलों ने भी चुनाव मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह से भी कमर कस लिया है।
Maharashtra Election : महाराष्ट्र में विधानसभा को लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने बीते दिन स्पष्ट कर दिया है कि 26 नवंबर से पहले चुनाव करा लिया जाएगा। अब राजनीतिक दलों ने भी चुनाव मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह से भी कमर कस लिया है। हालांकि महा विकास अघाड़ी यानी कांग्रेस, एनीसीपी (SP) और शिवसेना (यूबीटी) के बीच अभी सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन सकी है, इसका सबसे बड़ा कारण महाराष्ट्र में कांग्रेस का बढ़ता जनाधार माना जा रहा है।
लोकसभा चुनाव - 2024 में कांग्रेस ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। कांग्रेस ने यहां 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 13 सीटों पर जीत दर्ज की थी। महा विकास अघाड़ी में शामिल सहयोगी दल - शिवसेना (यूबीटी) ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे सिर्फ 9 लोकसभा सीटों पर ही जीत मिली थी, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने 10 में से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी।
100 से कम सीटों पर समझौता करने को तैयार नहीं
बीते 2019 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी डिप्टी सीएम पद के लिए बातचीत करने में विफल रही थी, अब वह अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। कांग्रेस पार्टी, कुल 288 सीटों में से 115 से 120 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है और गठबंधन के सहयोगियों - शिवसेना (यूबीटी) को 80-85 और एनसीपी (एसपी) के लिए 70-75 सीटें की छोड़ना चाहती है। हालांकि सीटों को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन सकी है। उद्धव ठाकरे बीते अगस्त महीने में दिल्ली गए भी थे, लेकिन कांग्रेस हाईकमान 100 से कम सीटों पर समझौता करने को तैयार नहीं है।
सीएम पद पर भी दावेदारी ठोक रही कांग्रेस
यही नहीं, लोकसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस ने अपने सहयोगी दलों से बार-बार कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह बड़े भाई की तरह काम नहीं करें। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि सीएम पद के लिए कोई चेहरा घोषित नहीं किया जाएगा, परिणाम के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा। हालांकि कांग्रेस के कई नेताओं ने अपने बयानों से संकेत दे दिया है कि अगला नाना पटोले को ही बनाया जाएगा। इसके बाद से चर्चा यही है कि कांग्रेस प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सीएम पद के लिए दावेदारी ठोक रही है।
अभी तक नहीं बन सकी सहमति
बता दें कि कांग्रेस और सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर मीटिंग पर मीटिंग हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बन सकी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी अपने लिए अधिक सीटों के साथ-साथ सीएम पद भी मांग रही है, हालांकि यह तो समय ही बतायेगा कि आगे क्या होगा? कांग्रेस अपने सहयोगी महा विकास अघाड़ी के दलों के साथ समझौता करेगी या गठबंधन टूट जाएगा और अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी। वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी हराने के लिए कांग्रेस समझौता भी कर सकती है, क्योंकि अकेले कोई भी दल उसे हराने में अभी कामयाब नहीं हो पाएगा।