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दाऊद से कनेक्शन: नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ीं, ईडी ने दी दबिश, जारी है पूछताछ
Maharashtra Latest News: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक के घर सुबह सुबह ईडी की टीम पहुंच गई और उनसे अंडरवर्ल्ड से जुड़ी प्रॉपर्टी मामले में पूछताछ जारी है।
Maharashtra Latest News: महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक (Maharashtra Minister Nawab Malik) की मुश्किलें बढ़ रही हैं। ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीम ने नवाब मालिक से पूछताछ की है। उनसे अंडरवर्ल्ड से जुड़ी प्रॉपर्टी मामले (Underworld Link Case) में जानकारी ली जा रही है।
आरोप है कि नवाब मालिक के सम्बन्ध अंडरवर्ल्ड, खासकर दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) से हैं। नवाब मालिक मुम्बई (Mumbai) में कुर्ला (Kurla) में रहते हैं। ईडी की टीम उनके घर सुबह ही पहुंच गयी और उनको अपने साथ ले कर चली गयी।
अंडरवर्ल्ड से जमीन खरीदने के आरोप
दरअसल, 9 नवंबर 2021 को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने एक सनसनीखेज आरोप लगाया था कि नवाब मालिक के ताल्लुकात अंडरवर्ल्ड से हैं। उन्होंने कहा था कि नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम के गैंग से जमीनें खरीदीं और ये जमीनें मुंबई ब्लास्ट के आरोपियों की हैं। पूर्व सीएम ने आरोप लगाया था कि दाऊद गैंग से जुड़े सरदार शाह वली खान और हसीना पारकर के करीबी सलीम पटेल के नवाब मलिक के साथ व्यवसायिक संबंध हैं।
इन दोनों ने नवाब मलिक के रिश्तेदार की एक कंपनी 'सोलीडस' को मुंबई के एलबीएस रोड पर स्थित करोड़ों की जमीन चंद लाख रुपये में बेची हैं। माना जा रहा है कि इसी मामले में ईडी ने कार्रवाई की है।
मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला
दाऊद इब्राहिम और उसके करीबी लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच चल रही है। जब दाऊद इब्राहीम के भाई इकबाल कासकर से ईडी ने पूछताछ की थी तो उसने नवाब मालिक का नाम लिया था। इकबाल कासकर को पिछले हफ्ते ईडी ने अपनी हिरासत में लिया था। बताया जाता है कि कासकर और नवाब मलिक की कंपनी के बीच में हुए एक जमीन की लेनदेन के सबूत ईडी को मिले हैं।
उत्तर प्रदेश के हैं नवाब मलिक
नवाब मलिक का परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले का रहने वाला है। उनके परिवार की अच्छी खेती बाड़ी और कारोबार था। नवाब का जन्म 20 जून 1959 को बलरामपुर के उतरौला के एक गाँव में हुआ था। नवाब मालिक के पिता के मुंबई में होटल समेत कई व्यवसाय थे। इसके अलावा वह कबाड़ का भी कारोबार करते थे। प्रारंभिक शिक्षा के लिए नवाब का दाख़िला सेंट जोसेफ़ इंग्लिश स्कूल में कराया गया। लेकिन पिता मोहम्मद इस्लाम के रिश्तेदारों और दोस्तों के विरोध के कारण वे इंग्लिश स्कूल में नहीं गए। बाद में नवाब का दाख़िला एनएमसी के नूरबाग़ उर्दू स्कूल में भर्ती कराया गया।
इसके बाद उन्होंने डोंगरी के जीआर नंबर दो स्कूल में सातवीं कक्षा तक और सीएसटी क्षेत्र के अंजुमन इस्लाम स्कूल में 11वीं तक पढ़ाई की। मैट्रिक के बाद उन्होंने बुरहानी कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की. इसी कॉलेज में बीए में दाखिला भी लिया लेकिन परीक्षा नहीं दी। उन्होंने बताया है कि 1977 में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई। बाद में इस सरकार के ख़िलाफ़ युवाओं में विरोध का माहौल था। इसलिए समय-समय पर मैं कांग्रेस द्वारा आयोजित छोटी-बड़ी सभाओं में हिस्सा लेने लगा। 1984 के लोकसभा चुनाव में नवाब मलिक ने संजय विचार मंच से चुनाव लड़ा था।
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