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MLC चुनाव में भी भाजपा ने दिया MVA को झटका, कांग्रेस में गद्दारी से नाराजगी,क्रॉस वोटिंग से शिवसेना में हड़कंप
MLC Election: भाजपा विधान परिषद की 10 में से 5 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है। शिवसेना और एनसीपी को दो-दो सीटों पर जीत हासिल हुई है।
MLC Election: राज्यसभा चुनाव की तरह भारतीय जनता पार्टी (Bjp) ने महाराष्ट्र के विधान परिषद के चुनाव (Maharashtra Legislative Council elections) में भी सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी गठबंधन (MVA) को करारा झटका दिया है। भाजपा विधान परिषद की 10 में से 5 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है। शिवसेना (Shivsena) और एनसीपी (NCP) को दो-दो सीटों पर जीत हासिल हुई है, जबकि एक सीट कांग्रेस (Congress) के खाते में गई है। कांग्रेस के एक उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे को हार का सामना करना पड़ा है।
एमएलसी चुनाव में जीत हासिल करने वाले कांग्रेस के भाई जगताप ने कहा है कि पार्टी के कुछ लोगों ने चुनाव में गद्दारी की है। इसी कारण हंडोरे को हार का सामना करना पड़ा है। दूसरी ओर शिवसेना में भी क्रॉस वोटिंग की बात सामने आई है। पार्टी अपने विधायकों का पूरा वोट पाने में भी विफल साबित हुई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इसे लेकर काफी नाराज हैं और आज उन्होंने पार्टी की अर्जेंट बैठक बुला ली है।
भाजपा ने फिर दिया बड़ा झटका
एमएलसी चुनाव से पहले राज्यसभा के चुनाव में भी भाजपा ने सत्तारूढ़ गठबंधन को करारा झटका दिया था। राज्यसभा चुनाव में भाजपा महाराष्ट्र की तीन सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी जबकि शिवसेना के एक उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था। राज्यसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद के चुनाव में भी भाजपा ने एकजुटता और चुनावी मैनेजमेंट के दम पर सत्तारूढ़ गठबंधन को करारा झटका दिया है।
विधान परिषद की 10 सीटों पर सोमवार को हुए चुनाव में 11 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। भाजपा ने इनमें से 5 सीटें जीतकर महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर अपनी ताकत दिखा दी है। शिवसेना और एनसीपी ने दो-दो सीटों पर जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक सीट हासिल हुई है। कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रकांत हंडोरे की हार से सत्तारूढ़ गठबंधन में हड़कंप मच गया है।
कांग्रेस का एक प्रत्याशी हारा
नंबर गेम के हिसाब से भाजपा के चार उम्मीदवार जीत हासिल करने की स्थिति में थे मगर पार्टी अपने पांचों उम्मीदवारों को जीत दिलाने में कामयाब रही। 10 सीटों पर 11 उम्मीदवारों के मैदान में होने के कारण दसवीं सीट पर मुकाबला रोचक हो गया था। विधान परिषद की दसवीं सीट पर भाजपा के प्रसाद लाड ने कांग्रेस के चंद्रकांत हंडोरे को हराकर जीत हासिल की है।
सूत्रों का कहना है कि सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी गठबंधन के कई विधायकों के टूट जाने के कारण भाजपा उम्मीदवार प्रसाद लाड जीत हासिल करने में कामयाब हुए। एक दिलचस्प बात यह भी है कि हंडोरे कांग्रेस के पहले उम्मीदवार थे और उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा जबकि कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार भाई जगताप जीत हासिल करने में कामयाब हुए।
पार्टी विधायकों पर गद्दारी का आरोप
नतीजों की घोषणा के बाद कांग्रेस खेमे में सन्नाटा पसर गया। जीत हासिल करने वाले भाई जगताप ने कहा कि मुझे जीतने से ज्यादा दुख चंद्रकांत हंडोरे की हार का है। उन्होंने पार्टी के कई विधायकों पर गद्दारी करने का आरोप लगाया। भाई जगताप ने कहा कि इस गद्दारी की वजह से ही हंडोरे को हार का मुंह देखना पड़ा।
उन्होंने कहा कि वे इस बाबत जल्द ही दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से शिकायत करेंगे। सियासी जानकारों का भी मानना है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के कई विधायकों के क्रॉस वोटिंग करने के कारण ही हंडोरे को हार का मुंह देखना पड़ा है।
शिवसेना में क्रॉस वोटिंग से हड़कंप
दूसरी और शिवसेना दोनों सीटों पर जीत हासिल करने में तो जरूर कामयाब रही मगर पार्टी के उम्मीदवारों को मिले वोटों ने पार्टी नेतृत्व की चिंता भी बढ़ा दी है। विधानसभा में शिवसेना के 55 विधायक हैं और इसके साथ ही पार्टी को कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है।
इसके बावजूद पार्टी के दोनों उम्मीदवार सिर्फ 52 मत ही हासिल करने में कामयाब हो सके। इसे लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे काफी नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने विधान परिषद चुनाव की समीक्षा के लिए आज बैठक बुलाई है। ठाकरे के आवास पर होने वाली इस बैठक में विधायकों के क्रॉस वोटिंग के संबंध में चर्चा की जाएगी।
भाजपा खेमे में जीत का उत्साह
इस बड़ी कामयाबी के बाद विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस काफी उत्साहित दिखे। भाजपा विधायकों ने इस जीत का जमकर जश्न मनाया। पांच सीटों पर जीत हासिल करने के बाद फडणवीस ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में हमें 123 वोट मिले थे जबकि विधान परिषद चुनाव में हम 134 वोट पाने में कामयाब रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में मोदी लहर होने का दावा करते हुए कहा कि हमारा संघर्ष आगे भी जारी रहेगा।