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Maharashtra News Today: रिश्तों की डोर में बंधेंगे महाराष्ट्र के दो सियासी परिवार, ठाकरे परिवार की बहू बनेंगी भाजपा नेता की बेटी
Maharashtra News Today: पुणे जिला परिषद की सदस्य अंकिता पाटिल की शादी शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे के दिवंगत बेटे बिंदु माधव ठाकरे के बेटे निहार ठाकरे से तय हुई है।
Maharashtra News Today: महाराष्ट्र के दो बड़े सियासी परिवारों के बीच रिश्तों की डोर जल्द ही बंधने वाली है। मौजूदा समय में महाराष्ट्र की सियासत में शिवसेना और भाजपा (Shiv Sena and BJP) के बीच भले ही छत्तीस का आंकड़ा हो मगर शिवसेना और भाजपा से जुड़े दो परिवारों के बीच रिश्तों (Shiv Sena and BJP Relations) की यह डोर बंधने वाली है। दरअसल प्रदेश में भाजपा के बड़े नेता और पूर्व सहकारिता मंत्री हर्षवर्धन पाटिल की बेटी (Harshvardhan Patil daughter) अंकिता पाटिल की शादी (Ankita Patil Marriage) ठाकरे परिवार में तय हुई है। मुंबई के ताज होटल में 28 दिसंबर को होने वाली इस शादी में तमाम बड़ी सियासी हस्तियों के जुटने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि शादी के लिए चुनिंदा लोगों को ही आमंत्रित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री उद्धव के भतीजे हैं निहार
पुणे जिला परिषद की सदस्य अंकिता पाटिल की शादी शिवसेना प्रमुख बाला साहब ठाकरे के दिवंगत बेटे बिंदु माधव ठाकरे के बेटे (Bindumadhav Thackeray Son) निहार ठाकरे (nihar thackeray and ankita patil) से तय हुई है। अंकिता सामाजिक क्षेत्र में भी काफी सक्रिय रहती हैं और वे इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (Indian Sugar Mills Association) की निदेशक भी हैं। दूसरी ओर निहार ठाकरे मुंबई में वकालत करते हैं।
इस विवाह समारोह में पूरे ठाकरे परिवार (nihar thackeray wedding) के जुटने की संभावना जताई जा रही है क्योंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) निहार के चाचा हैं जबकि मनसे प्रमुख राज ठाकरे निहार के चचेरे चाचा हैं। पाटिल परिवार की ओर से इस विवाह समारोह की जोरदार तैयारियां की जा रही हैं। अंकिता के पिता हर्षवर्धन ने राज ठाकरे के घर खुद जाकर उन्हें इस विवाह समारोह में आमंत्रित किया है।
1996 में हुआ था बिंदु माधव का निधन
शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे का अपने बेटे (balasaheb thackeray son) बिंदुमाधव ठाकरे से विशेष लगाव था मगर 1996 में बिंदु माधव का निधन (bindumadhav thackeray death) हो गया था। बेटे से विशेष लगाव होने के कारण ही बाला साहब ने उनकी याद में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे बनाने की कल्पना की थी। उस समय महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की सरकार थी।
बाला साहब की कल्पना के अनुरूप तत्कालीन प्रदेश सरकार ने इस परियोजना पर काम भी शुरू कर दिया था मगर इस पूरी योजना को पूरा करने में बाद में काफी समय लगा। पिता के निधन के समय निहार ठाकरे काफी छोटे थे मगर अब वे मुंबई में एडवोकेट के रूप में काम कर रहे हैं।
जबर्दस्त पकड़ वाले नेता हैं पाटिल
दूसरी ओर हर्षवर्धन पाटिल को भी महाराष्ट्र की सियासत में काफी कद्दावर नेता माना जाता रहा है। वे पुणे जिले की इंदापुर विधानसभा सीट से चार बार विधायक चुने जा चुके हैं। पहले वे कांग्रेस की ओर से सियासत में सक्रिय थे मगर 2019 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व वह उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। पाटिल की अपने विधानसभा क्षेत्र पर जबर्दस्त पकड़ मानी जाती है और इस पकड़ के कारण ही उन्होंने 1995, 1999 और 2004 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की थी।
बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे और 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था। 1995 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतने के बाद उन्होंने शिवसेना-भाजपा सरकार का समर्थन किया था। इस समर्थन के पुरस्कार स्वरूप उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। हर्षवर्धन पाटिल सियासत के माहिर खिलाड़ी रहे हैं और इसी कारण 1995 से 2014 तक महाराष्ट्र की सभी सरकारों में उन्हें मंत्री बनने का मौका मिला।