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महाराष्ट्र में पक रही नई सियासी खिचड़ी, भाजपा और मनसे के बीच तालमेल के आसार
Maharashtra Politics: हाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की राज ठाकरे से हुई मुलाकात के बाद दोनों सियासी दलों के बीच दोस्ती के कयासों को काफी बल मिला है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत नई करवट लेती हुई दिख रही है। शिवसेना से गठबंधन टूटने के बाद अकेली पड़ी भाजपा और राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच सियासी दोस्ती की संभावनाएं दिख रही हैं। हाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल की राज ठाकरे से हुई मुलाकात के बाद दोनों सियासी दलों के बीच दोस्ती के कयासों को काफी बल मिला है।
हालांकि इस बाबत सवाल किए जाने पर भाजपा के नेता कोई सीधा जवाब देने से बच रहे हैं। इस बाबत पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने सीधा जवाब न देते हुए सिर्फ यही कहा कि भाजपा सिर्फ एक इंजन के साथ 2024 के चुनाव में मैदान में उतरेगी। भाजपा नेताओं के जवाब में भी बहुत बड़ा इशारा छिपा है क्योंकि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का चुनाव निशान भी इंजन ही है।
भाजपा को सियासी सहयोगी की तलाश
महाराष्ट्र में शिवसेना के भाजपा को छोड़कर कांग्रेस का और एनसीपी से हाथ मिलाने के बाद भाजपा सियासी रूप से अकेली पड़ गई है। हालांकि महाविकास अघाड़ी गठबंधन में भी बीच-बीच में मतभेद की खबरें आती रहती हैं मगर भाजपा खुद को सियासी रूप से मजबूत बनाने के लिए किसी साझीदार की तलाश में है।
माना जा रहा है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की मनसे के मुखिया राज ठाकरे से मुलाकात के दौरान सियासी गठबंधन को लेकर भी चर्चा हुई है। इस मुलाकात के बाद नगर निकाय चुनाव के दौरान भाजपा और मनसे के बीच गठबंधन होने की चर्चाओं में तेजी पकड़ ली है। राज ठाकरे से मुलाकात के बाद पाटिल ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है और इस मुलाकात को भी गठबंधन की कोशिशों से जोड़कर देखा जा रहा है।
फडणवीस ने किया बड़ा इशारा
मनसे से भाजपा नेताओं की चल रही बातचीत के बारे में दोनों ही राजनीतिक दलों की ओर से अभी तक पत्ते नहीं खोले गए हैं। इस बाबत सवाल पूछने पर भी भाजपा के नेता गोलमोल जवाब देने में ही जुटे हुए हैं। पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान है पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पाटिल की ओर से मनसे से गठबंधन के बारे में पहले ही स्पष्टीकरण दिया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावों के दौरान पार्टी सिर्फ एक इंजन के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। हालांकि उन्होंने स्पष्ट तौर पर यह नहीं बताया कि पार्टी मनसे के साथ गठबंधन करने वाली है या नहीं। फडणवीस के इंजन संबंधी बयान को भी बड़ा इशारा माना जा रहा है क्योंकि मनसे का चुनाव निशान भी इंजन ही है।
भाजपा को यूपी में नुकसान का डर भी
सियासी जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा की ओर से अभी तक खुलकर कुछ भी नहीं कहा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक मनसे नेता राज ठाकरे और उनके समर्थकों ने महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। मनसे कार्यकर्ताओं ने पहले कई स्थानों पर उत्तर भारतीयों पर हमले भी किए हैं।
इसे लेकर देश के हिंदी भाषी राज्यों में तीखी प्रतिक्रिया भी जताई गई थी। यही कारण है कि भाजपा के नेता अभी इस मुद्दे पर गोलमोल जवाब देने की कोशिश में लगे हुए हैं। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान उत्तर प्रदेश में होने वाले सियासी नफा नुकसान की का आकलन करने में जुटा हुआ है। यही कारण है कि राज ठाकरे से मुलाकात के बाद भी पार्टी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी बोलने से बच रही हैं।
दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन
राज ठाकरे से मुलाकात के बाद पाटिल ने यह बात जरूर कही कि राज ठाकरे ने मुंबई में रहने वाले गैर मराठियों से कोई परहेज न होने की बात कही है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मनसे और भाजपा के बीच गठबंधन को लेकर अभी तक कोई भी चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने खुलकर नहीं बताया कि वे किस मुद्दे को लेकर राज ठाकरे से मिले थे।
बाद में दिल्ली में मीडिया से हुई बातचीत के दौरान पाटिल ने कहा कि मैं राज ठाकरे से हुई मुलाकात का ब्योरा देने के लिए दिल्ली आया हूं।
उन्होंने कहा कि पार्टी के गठबंधन को लेकर कोई भी फैसला दिल्ली में बैठे वरिष्ठ नेताओं की ओर से ही लिया जाएगा। पाटिल से पूर्व फडणवीस और मुंबई भाजपा के पूर्व अध्यक्ष आशीष शेलार ने भी केंद्रीय गृह मंत्री शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिलकर चर्चा की थी।
जानकारों के मुताबिक दोनों दलों की ओर से अभी तक पत्ते नहीं खोले जा रहे हैं मगर माना जा रहा है कि पर्दे के पीछे कोई सियासी खेल जरूर चल रहा है और जल्द ही उसका नतीजा दिखाई पड़ सकता है।
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