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Maharashtra: पवार UPA का अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं, BJP विरोधी मोर्चे की अगुवाई को भी खारिज किया
Maharashtra Politics: NCP के मुखिया शरद पवार ने यूपीए अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया है। साथ ही भाजपा के खिलाफ बनने वाले विपक्षी दलों के मोर्चे की अगुवाई करने से भी इनकार कर दिया है।
Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party- NCP) के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) का कहना है कि उनकी यूपीए अध्यक्ष (UPA President) बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। शिवसेना (Shiv Sena) की ओर से इन दिनों पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाए जाने की वकालत की जा रही है। एनसीपी की युवा शाखा की ओर से भी पिछले दिनों इस बाबत प्रस्ताव पारित किया गया था मगर पवार ने यूपीए अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के खिलाफ बनने वाले विपक्षी दलों के मोर्चे की अगुवाई करने से भी इनकार कर दिया है।
हालांकि पवार ने यह जरूर स्पष्ट किया है कि भाजपा के खिलाफ बनने वाले मोर्चे को सहयोग और मदद देने के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं। कोल्हापुर (Kolhapur) में रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान पवार ने कांग्रेस (Congress) को दरकिनार करने की कोशिशों को खारिज कर दिया। पवार का यह बयान सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
शिवसेना और एनसीपी ने की थी वकालत
शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने पिछले दिनों कहा था कि भाजपा के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने के लिए एक बार फिर यूपीए को सक्रिय किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि इसके लिए एनसीपी मुखिया पवार को यूपीए की अगुवाई सौंपी जानी चाहिए। पवार के नेतृत्व संभालने के बाद भाजपा के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने में मदद मिलेगी।
शिवसेना के साथ ही एनसीपी की युवा शाखा की ओर से भी बाकायदा एक प्रस्ताव पारित किया गया था। इस प्रस्ताव में यूपीए की कमान शरद पवार को सौंपे जाने की मांग की गई थी। मजे की बात यह है कि जिस समय यह प्रस्ताव पारित किया गया था उस समय शरद पवार भी मंच पर मौजूद थे। इस कारण इस प्रस्ताव के पीछे उनकी मौन सहमति मानी जा रही थी मगर अब अब पवार ने यूपीए अध्यक्ष बनने की संभावनाओं पर विराम लगा दिया है।
कांग्रेस को खारिज नहीं किया जा सकता
पवार भाजपा के खिलाफ मोर्चा बनाने की कोशिशों में कांग्रेस को दरकिनार करने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कांग्रेस की भूमिका के बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा कि कांग्रेस भले ही फिलहाल सत्ता में नहीं है मगर देशव्यापी स्तर पर उसकी मौजूदगी से इनकार नहीं किया जा सकता। देश के हर राज्य जिले और गांव में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता जरूर मिल जाएंगे। इससे साफ होता है कि कांग्रेस की व्यापक उपस्थिति है।
पवार के इस रुख से साफ हो गया है कि वे भाजपा के खिलाफ गैर कांग्रेसी मोर्चे के इच्छुक नहीं है। एनसीपी मुखिया ने स्पष्ट किया कि वे भाजपा के खिलाफ बनने वाले मोर्चे का नेतृत्व नहीं करना चाहते मगर इस मोर्चे को वे पूरी मदद करने के लिए तैयार हैं।
केंद्र सरकार पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए पवार ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि ईडी के जरिए जबरन वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थान पर छापे से पहले और बाद में ईडी अधिकारियों के साथ बातचीत करके सुलह की कोशिश की जाती है। ईडी की भूमिका को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इसलिए केंद्र सरकार को इस बाबत स्पष्ट बयान देना चाहिए।
पवार ने कहा कि भाजपा के राज में महंगाई (Dearness) लगातार बढ़ती जा रही है। हर दूसरे दिन ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है जिससे लोगों का बजट गड़बड़ा गया है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी का असर दूसरी चीजों की कीमतों पर पड़ रहा है और परिवहन के साधन भी लगातार मह॔गे होते जा रहे हैं। महंगाई धीरे-धीरे बड़ा मुद्दा बनती जा रही है मगर केंद्र सरकार इस मुद्दे से बेफिक्र बनी हुई है।
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