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Maharashtra Politics: मजदूर का बेटा देश की आर्थिक राजधानी से चलाएगा महाराष्ट्र, दर्ज हैं 18 आपराधिक मामले
Eknath Shinde Latest News: महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे के नाम का ऐलान किया। एकनाथ शिंदे ने दिवंगत दबंग शिवसेना नेता आनंद दीघे के स्टाइल में राजनीति करनी शुरू की।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में गुरूवार को उस वक्त नाटकीय मोड़ आया, जब सीएम पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जाने वाले देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर एकनाथ शिंदे (Eknash Shinde) के नाम का ऐलान किया। अब तक टीवी चैनलों और न्यूज पोर्टलों पर देवेंद्र फडणवीस के नए मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी की जा चुकी थी, लेकिन उनके इस ऐलान ने सबको चौंका दिया। फडणवीस के इस ऐलान के बाद शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde Latest News) एकबार फिर मीडिया के फोकस में आ गए हैं।
महाराष्ट्र में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कोई शिवसैनिक ठाकरे परिवार को सीधी चुनौती देखकर, उसे सत्ता से बेदखल कर खुद कुर्सी पर बैठ रहा हो। अपने साथ शिवसेना (Shivsena) के 40 विधायकों को जोड़कर पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे (supremo uddhav thackeray) की सियासी जमीन खिसकाने वाले शिंदे अबतक महाराष्ट्र की राजनीति में उतना बड़ा नाम नहीं थे। उनका प्रभाव मुंबई से लगने वाले ठाणे जिले तक सीमित था, लेकिन ताजा सियासी घटनाक्रम ने उन्हें देश के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण सियासी राज्य का किंग बना दिया है। तो आइए पहली बार सीएम बनने जा रहे एकनाथ शिंदे के बारे में कुछ रोचक तथ्य जानते हैं।
संघ से शुरू किया सफर
महाराष्ट्र के सतारा जिले के पहाड़ी जवाली तालुका के रहने वाले एकनाथ शिंदे (Eknash Shinde) का जन्म 9 फरवरी 1964 को हुआ था। उनकी जन्मभूमि भले ही सतारा रही हो लेकिन उनकी कर्मभूमि ठाणे है। परिवार की आर्थिक सेहत खराब होने के कारण उन्हें 11वीं के बाद पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। शिंदे इसके बाद ऑटो चलाने लगे। उन्होंने अपनी अधूरी शिक्षा बाद में पूरी की। 2014 में शिंदे (Eknash Shinde) ने यशवंतराव चव्हाण ओपन यूनिवर्सिटी (Yashwantrao Chavan Open University) से मराठी और राजनीति में बीए किया। उस दौरान वह बीजेपी – शिवसेना गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री हुआ करते थे।
बताया जाता है कि शुरूआती दिनों में शिंदे (Eknash Shinde) आरएसएस की शाखा में जाया करते थे। बाद में ठाणे के कद्दावर शिवसेना नेता आनंद दीघे के प्रभाव में आकर उन्होंने शिवसेना ज्वाइन कर ली। इसके बाद वह सियासत में बढ़ते चले गए।
दीघे की मौत के बाद चढ़ा सियासी ग्राफ
आनंद दीघे ठाणे क्षेत्र में शिवसेना के दबंग नेता थे। कहा जाता है कि उनके प्रभाव से कभी – कभी बालासाहेब ठाकरे भी घबरा जाते थे। उन्हें लगता था कि कहीं दीघे शिवसेना से बड़ा न हो जाए। कहा जाता है कि दीघे ने ही एकनाथ शिंदे राजनीति के हरेक दांव – पेंच सिखाए। यही वजह है कि आज भी शिंदे उन्हें अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं। साल 2000 में एक सड़क हादसे में आनंद दीघे की असमय मौत हो गई। उनके निधन के बाद इस इलाके में शिवसेना का चेहरा एकनाथ शिंदे बने। उन्होंने पार्टी को दीघे की कमी खलने नहीं दी। क्योंकि शिंदे तबतक इस इलाके में अपना प्रभाव जमा चुके थे। जो आज भी कायम है। बीते दिनों जब राज्य के कई क्षेत्रों में बागी नेताओं के घरों और दफ्तरों को निशाना बनाया जा रहा था, तो ठाणे में शिंदे के कार्यकर्ता शिवसेना नेता संजय राउत का पुतला फूंक रहे थे। नारायण राणे और राज ठाकरे के बाद शिवसेना में एकनाथ शिंदे उन गिने चुने नेताओं में बचे थो, जो सड़क की लड़ाई लड़ने वाली शिवसेना को वह ताकत दे सकते थे। शिंदे की गिनती शिवसेना के जनाधार वाले नेताओं में होती है। उनकी ताकत ने उन्हें ठाकरे परिवार के करीब ला दिया।
2014 में नेता प्रतिपक्ष का पद हो या 2019 में विधानसभा में शिवसेना विधायक दल का नेता पार्टी में उनके रूतबे को बयां करता था। इतना ही नहीं जब 2019 में महाविकास अघाड़ी सरकार बन रही थी, तब वह शिवसेना की तरफ से मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार थे। कहा जाता है कि अगर सोनिया गांधी और शरद पवार ने उद्धव ठाकरे पर जोर नहीं दिया होता तो मुमकिन था कि एकनाथ शिंदे सीएम की गद्दी पर होते।
एकनाथ शिंदे पर दर्ज हैं कई आपराधिक मामले
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे एकनाथ शिंदे ने दिवंगत दबंग शिवसेना नेता आनंद दीघे के स्टाइल में राजनीति करनी शुरू की। वह एक तरह से इलाके में रॉबिनहुड की छवि रखते थे। शिंदे के बचपन के दोस्त बताते हैं कि एकबार जब उनके चॉल में राशन की कमी हो गई थी। तब शिंदे राशन पैक करने वाली कंपनियों के गोदाम पहुंचे और वहां से राशन उठाकर मोहल्ले के लोगों के बीच बंटवा दिया। बीते विधानसभा चुनाव में दायर हलफनामा के मुताबिक, उनपर 18 आपराधिक केस चल रहे हैं। उनके पास 11 करोड़ से अधिक की संपत्ति है।
लंबे समय बाद महाराष्ट्र को एक ऐसा मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है, जिसने ऑटो चलाने से लेकर मजदूरी तक की है। एकनाथ शिंदे की मां दूसरे के घरों में बाई का काम करती थीं और पिता गत्ते की फैक्ट्री में मजदूरी का कम करते थे।