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मस्जिदों से हटाएं लाउडस्पीकर: राज ठाकरे का नया अल्टीमेटम, 3 मई तक का दिया समय

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने अब नया बयान देकर आग में घी डालने का काम किया है। मनसे प्रमुख ने कहा कि 3 मई तक मस्जिदों पर लगे सभी लाउडस्पीकर को हटा दिए जाएं।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 12 April 2022 5:44 PM GMT
Raj Thackeray
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राज ठाकरे। (Photo- Social Media) 

Mumbai: महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर पर शुरू हुआ सियासी बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। राज्य में इस विवाद के सूत्रधार रहे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे (Maharashtra Navnirman Sena chief Raj Thackeray) ने अब इस मसले पर नया बयान देकर आग में घी डालने का काम किया है। मनसे प्रमुख ने नया अल्टीमेटम जारी करते हुए 3 मई तक मस्जिदों पर लगे सभी लाउडस्पीकर को हटा लेने को कहा है।

इससे पहले राज ठाकरे (Maharashtra Navnirman Sena chief Raj Thackeray) ने मुंबई के शिवाज पार्क (Shivraj Park) में आयोजिक अपने पार्टी कार्यक्रम में सबसे पहले इस मुद्दे को छेड़ते हुए कहा था कि मस्जिदों में इतने तेज आवाज में लाउडस्पीकर क्यों बजाए जाते हैं? अगर इसे रोका नहीं गया तो मस्जिदों के बाहर तेज आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा था कि मैं किसी विशेष धर्म या प्रार्थऩा के खिलाफ नहीं हूं, मुझे अपने धर्म पर गर्व है।

बता दें कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे (Maharashtra Navnirman Sena chief Raj Thackeray) के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में जगह – जगह मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ होने लगा है। भजन बजाए जाने लगे हैं। जिसके बाद सरकार ने भी कार्रवाई करते हुए कईयों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वहीं इसका असर राज ठाकरे के पार्टी पर भी देखने को मिला। पार्टी के कई मुस्लिम कार्यकर्ता, नेता और पदाधिकारी उनके इस नीति के विरोध में मनसे छोड़ दी।

बीजेपी के करीब जा रहे हैं राज

महाराष्ट्र में लंबे समय तक सियासी नेपथ्य में रहे राज ठाकरे को अब स्वयं को राज्य की राजनीति में नए सिरे से स्थापित होने का मौका दिख रहा है। शिवसेना (Shiv Sena) द्वारा एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के साथ गठबंधन किए जाने के बाद हिंदूत्व को लेकर उसके तेवर में नरमी आई है। जिसने राज्य में उस स्पेस को खाली किया है जिसपर अभी तक शिवसेना राजनीति करती आई है। वहीं बदली परिस्थितियों में विपक्षी बीजेपी को भी ऐसा नेता चाहिए जो हार्ड हिंदूत्व के साथ - साथ मराठा नेता की छवि भी रखती हो। राज ठाकरे इस रोल में सटीक बैठते हैं। क्योकि लंबे समय तक उन्हें दिवंगत बाल ठाकरे का वास्तिविक उत्तराधिकार के तौर पर देखा जा रहा था। राज ठाकरे के बोलने के तेवर और हावभाव उनसे काफी मिलते थे।

सियासी जानकारों के मुताबिक ठाकरे (Maharashtra Navnirman Sena chief Raj Thackeray) बीजेपी के इशारे पर हिंदी भाषी राज्यों के खिलाफ जारी अपनी सियासत को छोड़ते हुए अब हार्ड हिंदूत्व की लाइन ले रहे हैं। आने वाले दिनों में बीएमसी चुनाव होने हैं। लिहाजा बीजेपी अभी से राज ठाकरे के सहारे मुंबई में ध्रवीकरण की राजनीति को धार देने में जुट गई है।

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Deepak Kumar

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