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Money Laundering Case: बॉम्बे हाइकोर्ट ने बढ़ाई अनिल देशमुख की हिरासत, 12 नवंबर तक रहेंगे ED की हिरासत में

Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किए गए अनिल देशमुख को बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 नवंबर तक कस्टडी में भेज दिया है।

Rajat Verma
Written By Rajat VermaPublished By Shreya
Published on: 7 Nov 2021 7:19 AM GMT (Updated on: 7 Nov 2021 7:37 AM GMT)
Money Laundering Case: 12 नवंबर तक हिरासत में भेजे गए अनिल देशमुख
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अनिल देशमुख (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Money Laundering Case: जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) के आरोप में गिरफ्तार किए गए महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को न्यायिक हिरासत में भेजने के विशेष अदालत के आदेश को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने रद्द कर दिया। उन्हें 12 नवंबर तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया गया। बॉम्बे हाइकोर्ट ने अनिल देशमुख को न्यायिक हिरासत में भेजने के विशेष अदालत के फैसले को रद्द कर यह आदेश सुनाया है।

प्रवर्तन निदेशालय को ओर से पूछताछ के लिए अनिल देशमुख की हिरासत (Anil Deshmukh Ki Hirasat) को बढ़ाने की अर्जी हाई कोर्ट में दी गयी थी, जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अनिल देशमुख की हिरासत को 12 नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया है।

क्या है पूरा मामला?

मार्च महीने में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को प्रारंभिक जांच दर्ज करने और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया था। जांच के पश्चात परम बीर सिंह ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया कि उन्होंने पहले तत्कालीन सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे को बहाल किया और फिर उन्हें मुंबई में बार मालिकों से ₹100 करोड़ का हफ्ता लेने का निर्देश भी दिया था।

जांच के आधार पर बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेशनुसार अनिल देशमुख ने अपने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। हाल ही में मामले की जांच के लिए गठित की गयी चांदीमल जांच आयोग के समक्ष परम बीर सिंह ने अपने वकील के माध्यम से एक हलफनामा प्रस्तुत करते हुए बताया था कि पत्र में उनके दावों के अलावा उनके पास देशमुख के खिलाफ कोई अन्य सबूत नहीं है।

तबादला पोस्टिंग में देशमुख की भूमिका की भी जांच की जा रही है तथा इसी मामले के चलते आईपीएस अधिकारी रेशमी शुक्ला का बयान भी दर्ज किया गया है। पिछले दिसंबर में रेशमी शुक्ला ने महाराष्ट्र के तत्कालीन डीजीपी को एक गोपनीय रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें पुलिस अधिकारियों के तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था तथा इस मामले में अनिल देशमुख की संलिप्तिति का भी अंदेशा है।

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