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RSS की तुलना तालिबान से...जावेद अख्तर को सेशंस कोर्ट से झटका, समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
RSS-Taliban Remark: चर्चित गीतकार जावेद अख्तर को मुंबई की एक सेशन कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने आरएसएस की तुलना तालिबान से किए जाने मुद्दे पर मुलुंड मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण आवेदन को खारिज कर दिया है।
RSS-Taliban Remark : देश के मशहूर गीतकार और पूर्व राज्य सभा सदस्य जावेद अख्तर (Lyricist Javed Akhtar) को मुंबई की एक सेशन अदालत से झटका लगा है। सेशन कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तुलना तालिबान से करने के मुद्दे पर मुलुंड मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण आवेदन याचिका (Revision Application Petition) को खारिज कर दिया है।
एक वकील संतोष दुबे ने गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ वर्ष 2021 में एक आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने (अख्तर ने) आरएसएस को तालिबान के रूप में संदर्भित किया है, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई हैं।
याचिका कर्ता बचपन से RSS से जुड़े हैं
दरअसल, वकील संतोष दुबे गीतकार जावेद अख्तर की टिप्पणी से आहत थे। उनका कहना था कि वो बचपन से ही RSS के कार्यकर्ता के रूप में संघ से जुड़े रहे हैं। ऐसे में जावेद अख्तर के बयान से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है। दुबे ने कहा, अख्तर की टिप्पणी के बाद कई लोगों ने उन्हें संगठन से अलग होने के लिए कहा। बाद में संतोष ने इसकी शिकायत की। जिस पर मुलुंड मजिस्ट्रेट की अदालत ने जावेद अख्तर को मानहानि के आरोपों का सामना करने के लिए तलब किया था। हालांकि, अख्तर मुलुंड मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष हाजिर नहीं हुए। उन्होंने वकील जय कुमार भारद्वाज के जरिये सेशन कोर्ट में पुनरीक्षण आवेदन दायर की थी।
सेशन कोर्ट ने आरोप सही पाया
गीतकार जावेद अख्तर की तरफ से आवेदन के जरिए अदालती कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गयी थी। जिसमें कहा गया था कि याचिकाकर्ता ने बिना किसी अधिकार के शिकायत की है। ये फेमस होने और धन उगाही की कोशिश है। जिस पर, मुंबई सेशन कोर्ट के सत्र न्यायाधीश प्रीति कुमार (घुले) ने बीते 24 फरवरी को दोनों पक्ष की दलीलें सुनी थी। तब उन्होंने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज कोर्ट ने एक आदेश पारित किया जिसमें मुलुंड मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा पारित आदेश को कानूनी रूप से सही ठहराया।
'अख्तर को 31 मार्च को कोर्ट में हाजिर होना होगा'
जावेद अख्तर के वकील ने कहा, 'वो विस्तृत आदेश उपलब्ध होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे इस मामले को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay high court) में चुनौती दे सकें।' वहीं, वकील संतोष दुबे ने कहा, अख्तर को 31 मार्च को मजिस्ट्रेट की अदालत में उपस्थित होना होगा, नहीं तो गैर जमानती वारंट की मांग की जाएगी।