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Nawab Malik Case: अंडरवर्ल्ड प्रॉपर्टी मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला, नवाब मलिक को नहीं मिली अंतरिम जमानत
Nawab Malik Case: बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मंगलवार को जारी अंडरवर्ल्ड प्रॉपर्टी और मनी लॉन्ड्रिंग सम्बंधी मामले में सुनवाई के बाद नवाब मलिक की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है।
Nawab Malik Case: बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा मंगलवार को जारी अंडरवर्ल्ड प्रॉपर्टी और मनी लॉन्ड्रिंग सम्बंधी मामले में सुनवाई के बाद नवाब मलिक की अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है। आपको बता दें कि बीते समय में प्रवर्तन निदेशालय (ED) महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मालिक को उनके आवास से गिरफ्तार किया था, ईडी ने मामले में कार्यवाही करते हुए नवाब मलिक पर मोस्ट वांटेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के साथ 1999 में एक प्रॉपर्टी खरीद मामले में कथित तौर से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी फंडिंग में सक्रिय भागीदारी के आरोप लगाए हैं।
नवाब मलिक की अंतरिम जमानत हेतु दायर याचिका के संबंध में सुनवाई करते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वरले और न्यायाधीश श्रीराम एम. मोदक की घण्ड़पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि-"चूंकि कुछ बहस योग्य मुद्दे उठाए जाते हैं, इसलिए उन्हें विस्तार से सुनने की आवश्यकता होती है। हमारे द्वारा सौंपे गए आधारों को ध्यान में रखते हुए हम अंतरिम आवेदन में प्रार्थना की अनुमति देने के इच्छुक नहीं हैं। नवाब मलिक की जमानत हेतु दायर अंतरिम आवेदन खारिज किया जाता है।"
नवाब मलिक की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वकील तारक सैयद और कुशाल मोर के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने अंतरिम जमानत हेतु तर्क देते हुए कहा था कि नवाब मलिक को फंसाया गया है। इसके अतिरिक्त अमित देसाई ने कोर्ट में कहा कि नवाब मलिक को उन व्यक्तियों के बयानों के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो बिल्कुल भी विश्वसनीय नहीं हैं।
वर्तमान में मामला प्रवर्तन निदेशालय के अंतर्गत है तथा बीते समय में मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने नवाब मलिक की प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत अवधि को बढ़ाकर 21 मार्च कर दिया गया है। प्रवर्तन द्वारा मंत्री नवाब मलिक से पूछताछ जारी है और इसी के आधार पर ईडी आगे की संभावनाओं की ओर भी देख रही है।