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NCP Ajit Became Trouble: शरद पवार के लिए मुसीबत बने भतीजे अजित,राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान नाराजगी से हड़कंप
NCP Ajit Became Trouble: नाराज अजित पवार अधिवेशन छोड़ कर चले गए। बाद में पार्टी नेताओं ने उन्हें मनाने की बहुत काफी कोशिशें कीं मगर वे अधिवेशन में लौटकर मंच पर नहीं पहुंचे।
NCP National Convention: महाराष्ट्र की सियासत में हाल में भाजपा के हाथों बड़ा झटका खाने वाले एनसीपी के मुखिया शरद पवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान भतीजे अजित पवार की नाराजगी खुलकर सामने आने के बाद पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है। रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान नाराज अजित पवार अधिवेशन छोड़ कर चले गए। बाद में पार्टी नेताओं ने उन्हें मनाने की बहुत काफी कोशिशें कीं मगर वे अधिवेशन में लौटकर मंच पर नहीं पहुंचे।
मजे की बात यह है कि जिस समय यह घटनाक्रम हुआ उस समय पार्टी के मुखिया शरद पवार भी मंच पर मौजूद थे। इस घटनाक्रम को देखकर वे अवाक रह गए। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल अधिवेशन में मौजूद कार्यकर्ताओं को काफी देर तक अजित पवार के वॉशरूम जाने की जानकारी देते रहे। उनका कहना था कि अजित जल्द ही लौट कर आएंगे मगर अजित इस कदर नाराज थे कि लौटकर पार्टी के अधिवेशन में शामिल होने के लिए नहीं पहुंचे।
मंच छोड़कर जताई नाराजगी
एनसीपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान रविवार को हुए इस घटनाक्रम से साफ हो गया है कि पार्टी में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। अजित पवार की नाराजगी की खबरें पिछले कुछ दिनों से सामने आ रहे थीं मगर उन्होंने अभी तक इस बाबत खुलकर कोई बयान नहीं दिया था। रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान उनकी नाराजगी खुलकर सबके सामने आ गई।
उनके अधिवेशन से उठकर जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ। खासकर महाराष्ट्र में इसे लेकर खूब चर्चाएं होती रहीं। सियासी जानकारों का कहना है कि एनसीसी के भीतर खींचतान चल रही है और रविवार का घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में पार्टी की दिक्कतें और बढ़ेंगी।
मनाने की कोशिशें हुईं नाकाम
एनसीपी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी में अजित पवार की नाराजगी की खबरें पहले भी आती रही हैं मगर रविवार को खुद को कम महत्व दिए जाने के बाद उनकी नाराजगी खुलकर सामने आ गई। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी के आठवें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान पार्टी के सभी दिग्गज मंच पर मौजूद थे और पार्टी के मुखिया शरद पवार के संबोधन के बाद अजित पवार को अधिवेशन को संबोधित करना था। शरद पवार के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल को संबोधन के लिए बुलाए जाने पर अजित पवार अंग नाराज हो गए।
उनके मंच छोड़कर चले जाने के बाद पार्टी की वरिष्ठ नेता और सांसद सुप्रिया सुले को उन्हें मनाने के लिए लिए भेजा गया मगर वे कामयाब नहीं हो सकीं। इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल अधिवेशन स्थल पर नारेबाजी कर रहे अजित पवार समर्थकों को समझाने की कोशिश करते रहे। अजित पवार की इस नाराजगी के चलते उनके समर्थक भी काफी खफा नजर आए।
पहले भी कर चुके हैं सियासी खेल
इसके पहले अजित पवार 2019 में भी एनसीपी को बड़ा झटका दे चुके हैं। अजित पवार ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से हाथ मिला लिया था। इसके बाद फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी जबकि पवार राज्य के डिप्टी सीएम बने थे। हालांकि बाद में वे एनसीपी विधायकों को तोड़ने में कामयाब नहीं रहे और उन्हें फडणवीस के साथ इस्तीफा देना पड़ा था।
इस सियासी घटनाक्रम के बाद अजित पवार फिर पार्टी की मुख्यधारा में वापस लौट आए थे मगर चाचा-भतीजे के रिश्तों में दरार पढ़ चुकी थी। हाल के दिनों में एनसीपी के भीतर उनकी नाराजगी की बात सामने आती रही है। रविवार को हुए घटनाक्रम में को लेकर अभी तक शरद पवार या अजित पवार की कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है।
गैर भाजपाई दलों से एकजुट होने की अपील
अधिवेशन में अपने संबोधन के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी मुखिया शरद पवार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान एनसीपी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
पार्टी के मुखिया शरद पवार ने अपने संबोधन के दौरान भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए गैर वाजपेई दलों से एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याएं सुलझाने के मोर्चे पर पूरी तरह फेल साबित हुई है। देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में राज करने वालों को एक बात समझ लेनी चाहिए कि हम किसी भी कीमत पर उनका दबाव के आगे झुकने वाले नहीं हैं।