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NCP नेता जितेंद्र आव्हाड- क्या रामनवमी और हनुमान जयंती दंगों के त्योहार हैं?'...आने वाले वर्षों में होंगे धार्मिक दंगे
NCP leader Jitendra Awhad: एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, 'इन दंगों के कारण शहरों का माहौल बिगड़ गया। मुझे लगता है कि आने वाले साल धार्मिक दंगों के साल होंगे।'
NCP leader Jitendra Awhad: शरद पवार के दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने विवादित बयान दिया। उन्होंने भारतीय त्योहारों पर सवाल खड़े किए। एनसीपी नेता ने कहा, लगता है देश में रामनवमी और हनुमान जयंती का त्योहार केवल दंगे भड़काने के लिए ही मनाई जाती है। वो आगे कहते हैं, दंगों की वजह से शहरों का माहौल बेहद जहरीला हो गया है। एनसीपी नेते इतने पर ही नहीं रुके। जितेंद्र आव्हाड ने कहा, आने वाले साल धार्मिक दंगों वाले होंगे।
राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड (NCP leader Jitendra Awhad) के इस विवादित बयान से बवाल मचना तय है। ये बातें उन्होंने एनसीपी की एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। भाषण की क्लिप अब वायरल हो गई है। आव्हाड के ये बयान देने के दौरान एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (NCP supremo Sharad Pawar) भी मंच पर मौजूद थे।
'आने वाला साल धार्मिक दंगों का साल है'
जितेंद्र आव्हाड ने आगे कहा, 'औरंगाबाद में दंगा हुआ। मेरा मतलब रामनवमी और हनुमान जयंती से है। क्या ये दोनों त्यौहार दंगों के लिए ही बने हैं? इन त्योहारों के दौरान शहरों में माहौल इतना खराब हो गया जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। मुंबई शहर और उसके आसपास रहने वाले लोग जानते थे कि इसके पीछे कोई योजना है। नहीं तो साहेब (शरद पवार) के सामने कुछ कहने की मेरी हिम्मत नहीं होती। लेकिन, मेरा दृढ़ मत है कि आने वाला साल साम्प्रदायिक दंगों का साल है।'
ये पहली बार नहीं, विवादों से पुराना नाता
ये पहली बार नहीं है जब जितेंद्र आव्हाड का नाम विवादों से जुड़ा है। जितेंद्र प्रगतिशील विचारों की आड़ में हिंदू परंपराओं और प्रतीकों की आलोचना करने के लिए जाने जाते रहे हैं। वह मुंबई के पास ठाणे जिले में मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र कलवा-मुंब्रा के निर्वाचित विधायक हैं। इससे ये स्पष्ट है कि उन्होंने अपने भाषण में छत्रपति संभाजीनगर क्यों नहीं कहा और जानबूझकर इसे औरंगाबाद कहा। जितेंद्र आव्हाड महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार में आवास विकास मंत्री थे। उल्लेखनीय है कि, इस साल रामनवमी और हनुमान जयंती पर देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक दंगे हुए क्योंकि दूसरे समुदाय के लोगों ने त्योहारों के अवसर पर हिंदुओं द्वारा निकाले गए जुलूसों पर पथराव किया था।