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NCP विधायकों की अयोग्यता पर आया फैसला, अजित पवार गुट ही असली एनसीपी... स्पीकर ने शरद खेमे को दिया झटका
NCP MLAs Disqualification: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला आ गया। शरद पवार और अजित पवार गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर स्पीकर राहुल नार्वेकर ने फैसला सुनाया।
Maharashtra MLAs Disqualification: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) विधायकों की अयोग्यता मामले में गुरुवार (15 फरवरी) को फैसला आ गया। महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने कहा कि, 'अजित पवार गुट को 41 विधायकों का समर्थन है। अजित पवार (Ajit Pawar) के पास शरद पवार (Sharad Pawar) से ज्यादा विधायकों का समर्थन है, इसलिए अजित का गुट ही असली एनसीपी है।'
सुनवाई में अजित पवार गुट (Ajit Pawar faction) की ओर से अनिल पाटिल और समीर भुजबल मौजूद रहे। वहीं, शरद पवार गुट से केवल वकील ही पहुंचे थे। शरद पवार खेमे की तरफ से तीन याचिका दायर की गई थी। जबकि, अजित पवार गुट की ओर से दो याचिका दायर थी। कुल 5 याचिका थी, जिन्हें ग्रुप- 1 और ग्रुप- 2, दो भागों में बांटा गया।
ये कहा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने
एनसीपी विधायकों की अयोग्यता मामले पर गुरुवार को स्पीकर राहुल नार्वेकर (Speaker Rahul Narvekar) ने अपना फैसला सुनाया। उन्होंने शरद पवार गुट को बड़ा झटका देते हुए कहा कि, 'अजित पवार खेमा ही असली एनसीपी है। उन्होंने आगे कहा, निर्विवाद रूप से अजित पवार के पास 41 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। स्पीकर ने अपना फैसला सुनाते हुए अहम टिप्पणी की।' नार्वेकर ने शरद पवार गुट के उस दलील को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि, विधायी बहुमत के आधार पर मामले का फैसला नहीं किया जा सकता। अजित पवार के पास 41 विधायकों का विधायी बहुमत है। यह निर्विवाद है। मेरा मानना है कि वास्तविक राजनीतिक दल को विधायक दल के बहुमत से परिभाषित किया जा सकता है। इस आधार पर अजित पवार के पास विधायी बहुमत है। इसलिए मेरा मानना है कि अजित पवार ही असली राजनीतिक पार्टी हैं।'
स्पीकर बोले- NCP में कोई फूट नहीं, गुट बने
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा, 'एनसीपी में कोई फूट नहीं हुई है। सिर्फ दो गुट बन चुके हैं। उन्होंने प्राथमिक स्तर पर पार्टी की संरचना, संविधान और विधि मंडल बल इन तीन तथ्यों के आधार पर फैसला दिया है। उन्होंने कहा, पिछले साल 30 जून को एनसीपी में दो गुट बने थे। 29 जून तक शरद पवार के नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं था। राष्ट्रवादी के संविधान को लेकर कोई विवाद नहीं है।'
चुनाव आयोग ने भी अजित गुट को ही ठहराया था असली एनसीपी
आपको बता दें, इससे पहले इसी महीने 6 फरवरी को चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने भी अपने फैसले में शरद पवार को ही बड़ा झटका दिया था। चुनाव आयोग ने भी अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी करार दिया था। आयोग का कहना था कि, तमाम सबूतों के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है। उन्होंने ये भी कहा था कि अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने का अधिकार है।