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महाराष्ट्र में लॉकडाउन नहीं लेकिन ये बड़ा कदम उठाएंगे उद्धव
कोरोना से देश के सबसे अधिक संक्रमित राज्य महाराष्ट्र में राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में लॉकडाउन को लेकर सियासत तेज...
रामकृष्ण वाजपेयी
नई दिल्ली: कोरोना से देश के सबसे अधिक संक्रमित राज्य महाराष्ट्र में राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में लॉकडाउन को लेकर सियासत तेज हो गई है।साथ ही कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए धार्मिक जुलूस निकालने से रोकने पर तलवारों से किये गए हमले में तीन सौ से अधिक लोग घायल हो गए हैं। जबकि कोरोना के नये संक्रमण के ताजा मामलों से राज्य की स्थिति भयावह होती जा रही है।
उद्योगपति आनंद महेंद्रा ने भी इस कदम का विरोध किया है
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जहां स्थिति का आकलन करते हुए कम्पलीट लॉकडाउन की बात कही है वहीं उनके सहयोगी और विपक्षी भाजपा व अन्य ने मुख्यमंत्री के इस कदम को उठाने के प्रस्ताव को विरोध किया है। यहां तक कि उद्योगपति आनंद महेंद्रा ने भी इस कदम का विरोध किया है। जबकि महाराष्ट्र के अलावा पंजाब और दिल्ली में कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है।
हम एक और लॉकडाउन झेलने की स्थिति में नहीं हैं
उद्धव ठाकरे ने कल शाम कोरोना मामलों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से पूर्ण लॉकडाउन की तैयारी करने को कहा था जिसका उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने विरोध किया था। महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी कहा है कि हम एक और लॉकडाउन झेलने की स्थिति में नहीं हैं। मुख्यमंत्री को अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए। अगर लोग कोविड प्रोटोकाल का पालन करेंगे तो लॉकडाउन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
भाजपा ने भी महाराष्ट्र में लॉकाडाउन का विरोध किया है
भाजपा ने भी महाराष्ट्र में लॉकाडाउन का विरोध किया है। भाजपा के राज्य के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि पूर्ण लॉकडाउन से महाराष्ट्र के असंगठित क्षेत्र के कारोबारी प्रभावित होंगे। भाजपा ने कहा है कि हम और छोटे व्यापारी ऐसे किसी कदम का विरोध करेंगे। ऐसे लोग जो रोज कमाते और खाते हैं उनके लिए इससे गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा।
उद्योगपति आनंद महेंद्रा ने भी कहा है कि हमें चिकित्सा तंत्र को मजबूत करना चाहिए ताकि इससे होने वाली मौतों को रोका जा सके न कि पूर्ण लॉकडाउन लगाना चाहिए।
इसके अलावा राज्य के नांदेड़ में सिखों को होला महल्ला जुलूस निकालने से रोके जाने पर उनके द्वारा पुलिस कर्मियों पर हमला किये जाने की भी खबर है। जबकि गुरुद्वारा प्रबंधन को पहले ही सूचित कर दिया गया था कि कोविड प्रतिबंधों के चलते इस बार होला महल्ला जुलूस की अनुमति नहीं दी जा सकती है। गड़बड़ी की शुरुआत तब हुई जब कुछ युवकों ने जबरन जुलूस निकालने का प्रयास किया और रोके जाने पर पुलिस पर हमला कर दिया।
इन हालात के बावजूद लगता यही है कि महाराष्ट्र में पूर्ण लॉकडाउन न लगाकर प्रतिबंधों को और सख्त किया जाएगा ताकि कोरोना की ताजा लहर को रोका जा सके।