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Presidential Election 2022: उद्धव खेमा करेगा द्रौपदी मुर्मू का समर्थन, राउत बोले-उम्मीदवार को सपोर्ट BJP को नहीं
Presidential Election 2022: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू समर्थन करने का ऐलान किया है।
Presidential Election 2022: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Shiv Sena chief Uddhav Thackeray) ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) समर्थन करने का ऐलान किया है। उन्होंने पार्टी के सांसदों, विधायकों और आदिवासी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद इसका औपचारिक ऐलान किया। इससे पहले शिवसेना (Shivsena) का रूख विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को समर्थन देने का था। मगर पार्टी के अधिकांश सांसदों की राय मुर्मू के पक्ष में देखते हुए उन्हें अपना निर्णय बदलना पड़ा। ठाकरे ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि सांसदों की तरफ से बिल्कुल कोई प्रेशर नहीं है, जैसा कि कई खबरों में दावा किया गया है।
हालांकि, शिवसेना के कई नेताओं और आदिवासी नेताओं ने हमसे अनुरोध किया है। उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए हमने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का समर्थन करने का निर्णय लिया है। उद्धव ने कहा कि हमें खुशी हो रही है कि एक अनुसूचित जनजाति की महिला राष्ट्रपति बनने जा रही हैं।
द्रौपदी मुर्मू का समर्थन, बीजेपी को समर्थन नहीं
शिवसेना के राज्यसभा सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए द्रौपदी मुर्मू के नाम पर चर्चा हुई, मुर्मू का समर्थन बीजेपी को समर्थन करना नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष को जिंदा रहना चाहिए। शिवसेना ने कभी दवाब में फैसले नहीं लिए। हमने पहले एनडीए (NDA) में रहते हुए प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था। फिर प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) का समर्थन किया।
शिवसेना सांसदों का था दवाब
55 में से 40 विधायक टूटने के बाद सरकार गंवाने वाली शिवसेना (Shivsena) अब कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। पार्टी के 18 में से 12 सांसदों के बारे में भी खबरें आते रहती हैं कि ये कभी भी महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हो सकते हैं। ऐसे में जब बैठक में शिवसेना के अधिकांश सांसदों ने पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे को राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का सुझाव दिया तो उनके पास इसे मानने के अलावा और कोई उपाय नहीं था। यदि वह नहीं मानते तो लोकसभा में भी पार्टी टूट सकती थी।
उद्धव खेमे के कई नेता संपर्क में – शिंदे
अपनी पार्टी के सुप्रीम लीडर की कुर्सी खिसाकर मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) लगातार दावे कर रहे हैं कि उनके संपर्क में उद्धव कैंप के कई नेता हैं। शिंदे के इस बयान को दवाब की राजनीति से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। सोमवार को मातोश्री में बुलाई गई बैठक में शिवसेना के कुल 19 में से 12 सांसद ही शामिल हुए। शिवसेना के अंदरूनी सूत्रों ने भी दावा किया है कि पार्टी के 10 से अधिक सांसद बीजेपी और शिंदे के संपर्क में है। जो अदालत और चुनाव आयोग के अंतिम निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।