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Maharashtra: थर्ड फ्रंट में कांग्रेस की भूमिका पर शरद पवार का बड़ा बयान, कही ये बात
Maharashtra: मुंबई में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि देश में बगैर कांग्रेस के थर्ड फ्रंट की कल्पना करना संभव नहीं है।
Mumbai: एक के बाद एक चुनावी राज्यों में बीजेपी (BJP) के हाथों मिल रही करारी शिकस्त से कांग्रेस (Congress) गैर–भाजपाई दलों के निशाने पर भी है। अन्य क्षेत्रीय पार्टियां और सियासी जानकार कांग्रेस के सिमटते सियासी हैसियत को देखते हुए उसे बीजेपी के लिए सबसे बड़ा वरदान तक कह रहे हैं। ऐसे में देश में लगातार मजबूत हो रही बीजेपी को रोकने के लिए क्षेत्रीय पार्टियां केंद्र के स्तर पर एक नए मोर्चे के गठन की कवायद में जुटी हुई हैं, जो माइनस कांग्रेस होगा। इन अटकलों पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) ने बुधवार को बड़ा बयान दिया है।
मुंबई में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि देश में बगैर कांग्रेस के थर्ड फ्रंट की कल्पना करना संभव नहीं है। महाराष्ट्र की महाविकसा अघाड़ी सरकार के शिल्पकार शरद पवार (Sharad Pawar) के इस बयान ने उन क्षेत्रीय दलों को गहरा झटका दिया है, जो लगातार बगैर कांग्रेस के केंद्र में एक थर्ड फ्रंट के अस्तित्व की बातें कर रहे हैं।
शरद पवार पहले भी कर चुके हैं इनकार
महाराष्ट्र में सरकार गठन करने और बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना और कांग्रेस जैसे दो प्रतिदवंदी पार्टियों को एक छतरी के नीचे लगाकर गजब का सियासी दांव चला था। उनके इस दांव के बाद माने जाने लगा कि पवार अब केंद्र में भी कोई ऐसा चमत्कार कर सकते हैं। जिसमें कांग्रेस की भूमिका या तो बेहद सीमित होगी या न के बराबर होगी।
बीते साल 22 जून को दिल्ली में उनके आवास पर कांग्रेस छोड़कर विपक्ष के तमाम नेताओं के साथ हुई बैठक ने इस उत्सुकता को और बढ़ा दिया था। लेकिन राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले शरद पवार ने बाद में स्पष्ट कर दिया था कि कांग्रेस के बिना किसी वैकल्पिक गठबंधन की कोई संभावना नहीं है।
इसके अलावा उन्होंने यूपीए (UPA) के नेतृत्व को लेकर चल रही अटकलों के बारे में साफ कर दिया है कि ऐसी कोई उनकी मंशा नहीं हैं। हालांकि शरद पवार समय–समय पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना भी साधते रहते हैं। बीते दिनों उनका एक ऐसा ही बयान काफी चर्चा में रहा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की हालत उन जमींदारों की तरह है, जो अपनी हवेली नहीं बचा सके। एनसीपी सुप्रीमों ने आगे कहा कि अन्य विपक्षी दलों के साथ कांग्रेस की नजदीकी तभी बढ़ेगी, जब यह हकीकत स्वीकार करेगी कि अब वह कश्मीर से कन्याकुमारी तक नहीं रही।
ममता और केसीआर कांग्रेस का नेतृत्व मानने को नहीं तैयार
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (Telangana Chief Minister K. Chandrashekhar Rao) कांग्रेस के बिना वाला थर्ड फ्रंट (third front) के सबसे बड़े हिमायती रहे हैं। दोनों नेता कई बार सार्वजनिक रूप से कांग्रेस पर निशाना साध चुके हैं।
बीते दिनों केसीआर ने मुंबई आकर महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे (Maharashtra CM Uddhav Thackeray) से इस संबंध में मुलाकात भी की थी। ममता औऱ केसीआर राहुल गांधी का मजाक तक उड़ा चुके हैं। ममता बनर्जी केंद्र में राहुल का नेतृत्व स्वीकारने तक से इनकार कर चुकी हैं। यही वजह है कि हालिया दिनों में टीएमसी और कांग्रेस के बीच काफी तल्खी भी देखी गई थी।