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Shiv Sena Election Symbol: 'हमारा चुनाव चिह्न चोरी हुआ, आप सबको बताइए'...समर्थकों से बोले उद्धव ठाकरे

Shiv Sena Election Symbol : चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए शिवसेना का नाम और सिंबल एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला किया। जिसके बाद मातोश्री में मंथन जारी है।

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Written By aman
Published on: 18 Feb 2023 3:18 PM IST (Updated on: 18 Feb 2023 3:18 PM IST)
Shiv Sena Election Symbol
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समर्थकों का बीच उद्धव ठाकरे (Social Media)

Shiv Sena Election Symbol: महाराष्ट्र की प्रमुख पार्टी शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर केंद्रीय चुनाव आयोग (Election Commission) के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। एकनाथ शिंदे गुट को शिवेसना का नाम और सिंबल मिला है। शिंदे खेमा के लिए इसे बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। मुंबई में शनिवार (18 फ़रवरी) को मातोश्री (Matoshree) के बाहर उद्धव ठाकरे के समर्थन में जानकर नारेबाजी हुई। जबकि, उद्धव ठाकरे गुट के विधायक-सांसद बैठक कर रहे हैं।

उद्धव ठाकरे ने अपने खेमे के नेताओं के साथ बैठक के बाद मातोश्री के बाहर जुटे समर्थकों की भीड़ को संबोधित किया। उद्धव ने समर्थकों से भावुक अपील की। ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde faction) को खुली चुनौती दी। अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने कहा, कि 'महाशिवरात्रि के ठीक एक दिन पहले हमारा धनुष-बाण 'चोरी' हो गया। आपने हमारा धनुष बाण चुरा लिया।'

उद्धव बोले- अब 'मसाल' के साथ आएंगे

समर्थकों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने नाम लिए बिना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके खेमे को चुनौती दी। उन्होंने कहा, इसके साथ और चुनाव लड़ो। ठाकरे ने इस दौरान अपने नए चुनाव चिन्ह का भी संकेत दिया। उद्धव बोले, अब 'मसाल' के साथ आएंगे। उद्धव ठाकरे ने इस दौरान अपने समर्थकों में भी जोश भरने किया। बोले, 'हमें एक बार फिर से राज्य में शिवसेना का (हमारा) मुख्यमंत्री बनाना है।'

'मोदी को भी बाला साहेब के नाम का सहारा'

उद्धव ने कहा, 'क्या आप में हिम्मत है? क्या आपको मुझ पर विश्वास है? ठाकरे ने कहा, मुझे और कुछ नहीं चाहिए।' उद्धव ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। बोले, 'आज इनकी हालत ये है कि मोदी को भी बाला साहेब के नाम का सहारा लेना पड़ता है।'

गली-गली जाकर बताइये...चुनाव चिह्न चोरी हो गया

उद्धव ठाकरे ने मातोश्री के बाहर बड़ी संख्या में मौजूद पार्टी समर्थकों से घर-घर और गली-गली जाने की अपील की। उन्होंने कहा, 'मेरी आपसे गुजारिश है कि गली- गली और घर-घर जाकर लोगों को बताइए कि हमारा चुनाव चिन्ह 'चोरी' हो गया।' उद्धव ठाकरे के संबोधन से पहले खबरें आ रही थी कि उनके नेतृत्व वाला गुट चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जा सकता है।'

इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार (Sharad Pawar) ने उद्धव ठाकरे को चुनाव आयोग का फैसला मानने की सलाह दी है। उन्होंने इसकी वजह भी बताई। उन्होंने इसकी वजह भी बताई। NCP नेता ने उन्हें इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के समय में कांग्रेस में टूट का जिक्र किया।

EC ने शिंदे गुट को दिया सिंबल

केंद्रीय चुनाव आयोग (EC) ने एक दिन पहले उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न 'धनुष-बाण' एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला किया। चुनाव आयोग के इस फैसले का शिंदे गुट ने दिल खोलकर स्वागत किया, तो उद्धव ठाकरे खेमे ने फैसले की आलोचना की। जिसके बाद आज उद्धव ठाकरे ने मातोश्री में अपने खेमे के विधायकों-सांसदों की बैठक बुलाई है।

'इंदिरा गांधी के सामने भी आई थी ये स्थिति'

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया शरद पवार ने उद्धव को इंदिरा गांधी के समय का जिक्र करते हुए इतिहास बताया। उन्होंने उस दौरान के कांग्रेस में टूट का भी जिक्र किया। पवार ने कहा, 'मुझे याद है। इंदिरा गांधी को भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा था। उस समय दो 'बैलों की जोड़ी' कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह हुआ करता था। बाद में ये उनसे छिन गया। तब 'हाथ' चुनाव चिन्ह मिला था। जिसे लोगों ने स्वीकार किया। इसी तरह, उद्धव ठाकरे को भी नया सिंबल स्वीकार करना चाहिए।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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