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Shivsena Dispute: "अगर स्टे नहीं लगाया तो सब कुछ छीन लेंगे" चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल

Shivsena Dispute-निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे पक्ष की तरफ से कपिल सिब्बल ने अर्जी पर कल सुनवाई की मांग की थी। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि अगर सर्वोच्च न्यायालय निर्वाचन आयोग के फैसले पर रोक नहीं लगाएगा तो इस बीच हमसे पार्टी का चुनाव चिह्न और बैंक अकाउंट भी छीन लिया जाएगा।

Hariom Dwivedi
Written By Hariom Dwivedi
Published on: 21 Feb 2023 12:00 PM IST (Updated on: 21 Feb 2023 1:04 PM IST)
Shivsena Dispute
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Shivsena Dispute

Shivsena Dispute- शिवसेना विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे पक्ष की तरफ से कपिल सिब्बल ने अर्जी पर कल सुनवाई की मांग की थी। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि अगर सर्वोच्च न्यायालय निर्वाचन आयोग के फैसले पर रोक नहीं लगाएगा तो इस बीच हमसे पार्टी का चुनाव चिह्न और बैंक अकाउंट भी छीन लिया जाएगा। मामले की सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस ने 22 फरवरी को साढ़े तीन बजे का समय मुकर्रर किया है।

उधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एतनाथ शिंदे ने शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी के विधायक, सांसद और अन्य नेता शामिल होंगे। बैठक में शिवसेना की नई कार्यकारिणी के गठन पर चर्चा हो सकती है।

उद्धव ठाकरे के लिए कुछ भी सही नहीं साबित हो रहा है। एक के बाद एक उन्हें जोरदार झटके लग रहे हैं। पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी छिनी, फिर पार्टी और अब अधिकारिक दफ्तर। सोमवार को एक तरफ जहां सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना विवाद पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया वहीं, विधानसभा में स्थित शिवसेना के दफ्तर को भी एकनाथ शिंदे गुट के हवाले कर दिया गया है। शिंदे समर्थक विधायकों ने विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वे से मुलाकात कर दफ्तर उनके हवाले करने की मांग की थी।

शिवसेना विवाद पर निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा स्थित शिवसेना के दफ्तर पर दावे की बात कही थी। इस संबंध में मुख्य सचेतक विधायक भरत गोगावले ने विधानसभा में पार्टी कार्यालय पर कब्जे की मांग करते हुए एक पत्र सौंपा था।

अब दूसरे कार्यालयों को लेने के लिए कानूनी प्रयास करेंगे: भरत गोगावले

जानकारी के मुताबिक, सोमवार को कुछ विधायकों ने विधानमंडल में घुसकर शिवसेना के आधिकारिक पार्टी कार्यालय में घुसकर कब्जा कर लिया। अभी तक इस कार्यालय पर ठाकरे समूह का नियंत्रण था। इसी के साथ यहां पर पहले से लगे बोर्ड और बैनर हटा दिए गए हैं। विधायकों सहित दफ्तर में पहुंचे भरत गोगावले ने कहा कि अब शिवसेना हमारी पार्टी है। अब से, हम अन्य कार्यालयों को लेने के लिए कानूनी प्रयास करेंगे। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि हमने शिवसेना पार्टी के कार्यालय पर कब्जा नहीं किया है बल्कि इसमें प्रवेश किया है। सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। यह शिवसेना पार्टी का कार्यालय है और हम शिवसेना के विधायक हैं।

उद्धव समर्थक सांसद ने उठाये सवाल

पार्टी कार्यालय पर कब्जे मामले में प्रतिक्रिया देते हुए सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि इसमें हैरान जैसी कोई बात नहीं है। पता था कि उनका उन्माद ऐसा ही रहने वाला है। लेकिन सवाल यह है कि क्या पदभार ग्रहण करने से पहले उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति ली थी? या घुसपैठिए बनकर गए हैं? कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही अब हम इस पर स्टैंड लेंगे।

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